छतरपुर। जिला अस्पताल में बने पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों और उनकी माताओं को इल्ली वाला खाना परोसा गया। मामले में जब हंगामा हुआ तो कलेक्टर ने जांच के आदेश देकर बात को दबाने की कोशिश की। यहां एक ठेकेदार कलेक्टर के आदेश पर 2013 से खाना सप्लाई कर रहा है।
जिला अस्पताल के कुपोषण वार्ड में कुपोषित बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया जाता है और उन बच्चों के साथ ही उनके परिजनों को समर्पण क्लब नाम की एनजीओ खाना देती है। मंगलवार को भी संस्थान की तरफ से अस्पताल में खाना भिजवाया गया लेकिन यहां परिजनों को जब खाने की थाली परोसी गई तो उसमें इल्लियां निकली, जिसे देख महिलाएं डर गईं और उन्होंने खाना खाने से मना कर दिया। इसके बाद महिलाओं और उनके परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया।
मामला उजागर होने के बाद कलेक्टर रमेश भंडारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं, जिसकी रिपोर्ट कलेक्टर को ही सौंपी जाएगी। बताया जा रहा है कि समर्पण क्लब को तत्कालीन कलेक्टर के आदेश पर अप्रैल 2013 में अस्पताल में भोजन खिलाने का ठेका दिया था। इस क्लब के अध्यक्ष जयनारायण अग्रवाल है। तीन साल में इस क्लब को 1 करोड़ 62 लाख का भुगतान किया जा चुका है।