बैतूल। दिनेश नाडेकर हत्याकांड की गुत्थी अंतत: सुलझ ही गई। हत्या दिनेश की पत्नी ने की थी और उसकी लाश को ठिकाने लगाने का काम दिनेश के दामाद ने किया था। लाश को कुछ इस तरह फैंका गया था कि पुलिस कभी आरोपियों तक नहीं पहुंच पाती लेकिन पत्नी की कॉल डिटेल से उपजे डाउट के बाद पुलिसिया डंडों ने सारी कहानी से पर्दा हटा दिया।
12 सितंबर 2016 के दिन आठनेर थाना पुलिस को ताप्ती नदी के किनारे घाट पर एक अज्ञात शख्स की लाश मिली। अगले 24 घंटे के अंदर मृतक की पहचान आठनेर के ही दिनेश नाड़ेकर के रूप में हुई। काफी तफ्तीश के बाद भी जब पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला तो पुलिस ने दिनेश के पड़ोसियों से पूछताछ शुरु की, जिसमें मालूम हुआ कि अक्सर दिनेश और उसकी पत्नी के बीच जमकर विवाद होता था।
फोन कॉल से खुला राज
इस एक सुराग के बूते पुलिस ने मृतक दिनेश की पत्नी के कॉल डिटेल निकाले, जिसमें 11 सितंबर की रात उसकी पत्नी की उसके दामाद गोपाल से लगातार बात होती रही। पुलिस ने सबसे पहले दिनेश के दामाद गोपाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की और गोपाल ने जल्दी ही हत्या की पूरी साजिश का खुलासा कर दिया।
हत्या कर दामाद को किया फोन
पुलिस ने दिनेश की पत्नी माया और दामाद गोपाल से तफ्सील से पूछताछ की, जिसमें इस हत्याकांड का एक स्याह पहलू उजागर हुआ। दिनेश की पत्नी ने एक रॉड मारकर हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिये उसने दामाद गोपाल को फोन किया। पेशे से टैक्सी ड्रायवर गोपाल एक दोस्त की कार लेकर आधी रात को दिनेश के घर पहुंचा और दोनों ने मिलकर दिनेश की लाश को ठिकाने लगाने के लिये निकल पड़े। आठनेर से 20 किमी दूर ताप्ती नदी के किनारे दोनों ने दिनेश की लाश फेंक दी।