जबलपुर। पुलिस आरक्षक स्तर का वेतनमान मामले में हाईकोर्ट से केस जीत चुके होमगार्ड सैनिकों को 41 साल की आयु में निष्कासित करने वाले मामले में हाईकोर्ट से भी स्टे मिल गया है। कोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इससे पहले गृहमंत्री एवं सीएम शिवराज सिंह ने भी 41 साल में निष्कासन की प्रक्रिया बंद करने का ऐलान कर दिया था लेकिन तब तक याचिका दायर की जा चुकी थी जिसकी सुनवाई मंगलवार को हुई।
मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता होमगार्ड सैनिकों की ओर से अधिवक्ता डीके दीक्षित ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि पूर्व में हाईकोर्ट ने होमगार्ड सैनिकों के हक में आदेश पारित करते हुए पुलिस आरक्षक स्तर का वेतनमान देने की व्यवस्था दी थी। राज्य शासन ने बजाए इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के अपील और सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता चुना लेकिन इस मोर्चे पर हार का सामना करने के बावजूद मनमानी बदस्तूर जारी रखी। लिहाजा, अवमानना याचिका दायर की गई।
अवमानना नोटिस जारी होने के बाद भी राज्य शासन की हठधर्मिता बरकार रही। इसीलिए नए सिरे से इंसाफ के लिए गुहार लगानी पड़ी है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि एक तरफ हक मारने पर उतारू राज्य सरकार नई प्रताड़ना के तहत होमगार्ड सैनिकों को महज 41 साल की आयु में सेवानिवृत्त करने जा रही है। चूंकि यह नियम अवैधानिक है, अतः हाईकोर्ट में गुहार लगाई गई। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिए अनुचित नियम के तहत कार्रवाई पर स्टे कर दिया।