जैन मंदिर के शोर से परेशान हो गए हैं हम

इंदौर। जैन संत को अपशब्द कहने के मामले में आरोपी बनाए गए प्रसन्ना बागदरे और उनके पड़ौसियों ने डीआईजी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि यह मामला झूठा है। हमारी आपत्ति जैन समाज या मंदिर से नहीं बल्कि उसमें से आने वाली तेज आवाजों से है। वहां इतना तेज शोर होता है किहम अपने ही घर में परिजन से बात नहीं कर पाते हैं। इस पर आपत्ति ली तो जैन समाज वालों ने झूठा केस दर्ज करवा दिया।

सुदामा नगर में रहने वाले प्रसन्ना बागदरे और उनके पड़ोसी बुधवार को डीआईजी ऑफिस पहुंचे। प्रसन्ना ने कहा कि दो दिन पहले जैन समाज के लोगों ने संत को अपशब्द कहने का झूठा आरोप लगाते हुए अन्नापूर्णा थाने में केस दर्ज करवाया था, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। हम सिर्फ साउंड कम करने को कह रहे थे, लेकिन वे नहीं माने। 

मंदिर में आए दिन आयोजन होते रहते हैं और तेज साउंड बजता रहता है। समाज के लोगों से पहले भी शोर कम करने को कहा था। हम वहां नहीं गए थे, बल्कि समाज के 100 से ज्यादा लोग हमारे घर पहुंचे और विवाद करने लगे, इसलिए हम घर से चले गए। डीआईजी ने उचित जांच की बात कही है।
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