पाकिस्तान के खिलाफ मोदी सरकार के पास फिलहाल कोई ठोस प्लान नही

नई दिल्ली। भारतीय सेना पर यह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। संडे को हमला हुआ और सोमवार रणनीतियों में निकल गया लेकिन अब तक मोदी सरकार पाकिस्तान के खिलाफ कोई ठोस प्लान नहीं बना पाया है। उन्होंने हथियार चला दिए और ये हथियार दिखाने पर भी विचार कर रहे हैं। नफा नुक्सान तौला जा रहा है। 

पूरा देश उद्वेलित है। गली गली से एक ही मांग उठ रही है। लोग हर कीमत चुकाने को तैयार हैं परंतु मोदी सरकार अभी तक मजबूत इरादों वाली बात नहीं कर पा रही है। पीएम कई लेवल पर स्ट्रैटजी बना रहे हैं परंतु अब तक जो भी विकल्प सामने आए हैं उनमें से एक भी जनता की भावनाओं के अनुरूप नहीं है। 

क्या विकल्प हैं मोदी सरकार के पास
तमाम मीटिंगों के बाद कुछ विकल्प चुने गए हैं। इनमें से पहला है पाकिस्तान इंटरनेशनल फोरम पर अलग-थलग करना एवं उसे आतंकवादी देश घोषित करवाने की कोशिश करना। 
दूसरा डिप्लोमैटिक और इकोनॉमिक फ्रंट पर भी पाकिस्तान को एग्रेशन दिखाना। मतलब व्यापारिक और राजनैतिक मामलों में भारत अपना गुस्सा दिखाएगा। रिश्ते नहीं तोड़ेगा। 
बगैर बॉर्डर क्रॉस किए मोर्टार से जोरदार हमला करके पाक के आर्मी पोस्ट्स और बंकर्स को खत्म कर दिया जाए। हालांकि, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इसमें जवाबी हमला भी होगा।
ऑपरेशन पराक्रम-2: भारत सरकार सेना को पाकिस्तान से लगी सीमा पर तैनात कर सकती है, जैसा की 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद तब के पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इसे ऑपरेशन पराक्रम नाम दिया गया था। इसमें सेना 11 महीने तक पाक सीमा पर तैनात थी।
पूर्व आर्मी चीफ और अभी केंद्रीय मंत्री वीके सिंह का कहना है कि भावनाओं के आधार पर कोई फैसला नहीं किया जा सकता। पीएम ने कहा है सही समय आने पर सही फैसला लिया जाएगा।
प्रधानमंत्री बनने से पहले किस तरह के विचार रखते थे मोदी यहां देखिए

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