
मोहंती के खिलाफ एमपीआईसीडीसी के घोटाले में 2004 से जांच चल रही है। 2011 में केंद्रीय कार्मिक एवं लोक शिकायत विभाग (डीओपीटी) ने मोहंती के खिलाफ अभियोजन की अनुमति दी थी, जिसके खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट चले गए। कोर्ट ने ईओडब्ल्यू को दोबारा जांच के निर्देश दिए थे। दोबारा जांच में भी जांच एजेंसी ने प्रकरण को अभियोजन के अनुरूप पाया।
अब सामान्य प्रशासन विभाग केंद्र सरकार को अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजेगी। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड के 714 करोड़ रुपए का कर्ज बांटने के मामले में मोहंती के खिलाफ लंबे समय से जांच चल रही थी।
ईओडब्ल्यू उनके खिलाफ चार्जशीट पेश करने के लिए पिछले पांच साल से अभियोजन की अनुमति का इंतजार कर रहा था। प्रकरण में देरी के हवाला बनाकर भोपाल के मो. रियाजुद्दीन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्यूरो को अभियोजन की कार्रवाई आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे दी है।