
गांव में मौजूद 500 वर्ष पुराना भगवान गणेश का मंदिर लोगो की आस्था का केंद्र बना हुआ है। जामोन्या गणेश गांव के स्थानीय गांव वालो ने बताया की मंदिर में भगवान गणेश की 500 वर्ष पुरानी प्रतिमा स्थापित है। इस दिव्य प्रतिमा के दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते है। दर्शन के साथ परिक्रमा कर मनोवांचित फल प्राप्ति करते है। हर साल गणेश उत्सव के दौरान गांव का माहोल धार्मिक आस्था में लीन होता है।
मंदिर के पुजारी कैलाश नागर, ग्रामीण नीरज नागर और अन्य बुजर्गो ने बताया की लगभग 500 साल पहले जामोन्या गणेश गांव का नाम जामोन्या गाडरी हुआ करता था। गर्मी के मौसम में उसी समय तलेन क्षेत्र के कुछ लोग गणेश प्रतिमा को बेलगाड़ी में रखकर नरसिंहगढ़ लेकर जा रहे थे। तभी इस गांव में पहुंचते ही उन लोगों ने बरगद के विशाल छायादार पेड़ के नीचे विश्राम किया। विश्राम करने के उपरांत जब वह लोग चलने लगे तो उनके बैल गाड़ी को खींचने में असमर्थ हो गए। यह सब माजरा देख गांव के लोग वहां पहुंचे और उन्होंने अपनी तरफ से हर संभव मदद की मगर प्रयास बेअसर रहा।
तब सभी ने विचार किया और भगवान गणेश की मन की इच्छा के अनुसार धूमधाम से गणेश प्रतिमा को गांव में ही स्थापित कर दिया तभी से जामोन्या गाडरी गांव का नाम जामोन्या गणेश पड़ गया और आज भी यह जामोन्या गणेश गांव में हर साल गणेश उत्सव के दौरान मंदिर में दर्शन करने वालों का तांता लगा रहता है। गणेश उत्सव के दौरान रोजाना धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।