
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर आरकेडीएफ संस्थान और श्री सत्यसाईं इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को समझौता शुल्क में नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। यह मामला न्याय की प्रक्रिया पर कम दवाब बनाने की प्रक्रिया पर ज्यादा काम करता दिखाई दे रहा है।
ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज करने के बाद दिग्विजय सिंह, एवी सिंह और आर परशुराम समेत अन्य लोगों के बयान दर्ज किए थे। दोनों अफसरों ने अपने बयान में बताया था कि समझौता शुल्क कम करने के आदेश पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह द्वारा ही जारी किए गए थे। नोटशीट पर उनके ही हस्ताक्षर थे।
बयान रिकॉर्ड हो जाने के बाद अब अभियोजन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए थी परंतु मामले को लटकाए रखने के लिए दोनों नौकरशाहों को गवाह बनाने पर विचार किया जा रहा है। विचार के नाम पर समय गुजारा जा रहा है।