भोपाल। 108 एंबुलेंस स्टाफ की लापरवाही और अड़ियल रवैये के कारण एक मजदूर की मौत हो गई। उसे सीने में दर्द उठा था। कॉल के आधे घंटे बाद एंबुलेंस पहुंची और मरीज को अस्पताल ले जाने के बजाए, मृत घोषित कर दिया, जबकि उसकी सांसें चल रहीं थीं। इतना ही नहीं हड़बड़ी में 108 स्टाफ ने अपने रजिस्टर में कॉल से पहले मौके पर पहुंचने का टाइम दर्ज कर लिया।
जानकारी के मुताबिक, अरेरा कॉलोनी में एक निर्माणाधीन बिल्डिंग में जीवन नामक शख्स काम करता था। सोमवार रात को सीने में दर्द होने की शिकायत पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी। परिजनों का आरोप है कि फोन करने के करीब आधे घंटे बाद एंबुलेंस मौके पर पहुंची। एंबुलेंस स्टाफ ने पहुंचते ही जीवन की जांच की और उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन बार-बार उनसे जीवन को अस्पताल ले जाने की गुहार करते रहे लेकिन एंबुलेंस स्टाफ ने एक न सुनी। स्टाफ का कहना था कि वो शव को अस्पताल नहीं ले जा सकते।
इस बीच पुलिस भी मौके पर पहुंची लेकिन वो मूक दर्शक ही बनी रही। परिजनों की माने तो 45 मिनट तक एंबुलेंस वहीं खड़ी रही लेकिन युवक को अस्पताल नहीं ले जाया गया। सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो गई। वहीं देरी छुपाने के लिए 108 एंबुलेंस स्टाफ ने रजिस्टर में गलत समय की एंट्री करते हुए कॉल आने से पहले का समय लिख दिया।