
राऊ पुलिस ने पर्लपेन इंडिया सोलर एनर्जी लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर पंकज पिता रामचरण चौधरी निवासी राऊ, शंकर देथलिया निवासी गुड़ावदा सारंगपुर और दीपक कुमार गुप्ता निवासी अलीगढ़ उत्तरप्रदेश के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस ने इस कंपनी के मास्टरमाइंड पंकज चौधरी को गिरफ्तार कर लिया है, जो पिछले एक साल से घर से फरार चल रहा था।
ऐसे बना मायाजाल
राऊ टीआई के अनुसार उसने मार्च 2013 में कंपनी का रजिस्ट्रेशन करवाया। इस दौरान उसने 22 से ज्यादा टीम लीडर बनाए। मध्यप्रदेश के इंदौर, देवास, सारंगपुर, विदिशा, देपालपुर और राजस्थान के भिलवाड़ा सहित अन्य कई जिलों में अपने ऑफिस खोले। इन टीम लीडर ने एक हजार से ज्यादा लोगों को एजेंट बनाया। इनको मोटा कमीशन देने का वादा किया। एजेंटों ने करीबन 5 हजार लोगों को अपना ग्राहक बनाया। स्कीम दिखाई और फिर रुपया जमा कराते चले गए।
ये थी स्कीम
स्कीम सभी लोगों के लिए थी। इसमें कम से कम सौ रुपए और अधिकतम कितने भी रुपए जमा करने की बात कही। पांच साल बाद जमा रुपए का डेढ गुना करने का वादा किया। बाकायदा इसकी पॉलिसी दी जाती थी। लोग इनके झांसे में आते चले गए। 2014 में पंकज के पास अच्छा खासा पैसा आया।
इस दौरान उससे सारंगपुर में रहने वाला शंकर देथलिया और अलीगढ़ का दीपक कुमार गुप्ता पार्टनर के रूप में जुड़ गए। लोगों का अच्छा पैसा आने लगा। जब देने की बात आने लगी तो सबसे पहले पंकज औरर फिर शंकर व दीपक ने कंपनी से नाता तोड़ा। पंकज के पीछे लोग लगे तो वह भागने लगा। उसने फर्जीवाड़े के रुपए से पांच करोड़ रुपए से ज्यादा की प्रापर्टी खरीदी।
रिश्तेदारों को भी नहीं छोड़ा
पंकज ने अपने रिश्तेदारों को भी नहीं छोड़ा। जब पुलिस ने उसे पकड़ा तो वह तोड़बट्टा करने लगा। पुलिस को कहा कि वह मौके पर ही ढाई करोड़ रुपए के चेक देकर मामला रफा-दफा करना चाहता है। हांलाकि लोगों को खुद के 10 करोड़ रुपए से ज्यादा देना कबूल रहा है। 7 करोड़ से ज्यादा उसके पार्टनर शंकर और दीपक द्वारा हड़पना बता रहा है।
पता ही नहीं कितने सदस्य बनें
हांलाकि आरोपी को अभी कुल संख्या नहीं पता, लेकिन प्राथमिक तौर पर पांच से सात हजार के लगभग सदस्य बता रहा है। उसके पास अब कंपनी का ज्यादा डाटा भी नहीं है, क्योंकि वह यहां से भी भागने की तैयारी में था। पुलिस अब सारा डाटा इकट्ठा करेगी।
करोड़ों का फर्जीवाड़ा करने वाले का इतिहास
आरोपी पंकज 1992-93 में कलकत्ता की पियरलेस कंपनी में एजेंट का काम करता था। 1995 में दिल्ली के गुड़गांव की पल्स ग्रीन कंपनी में फील्ड ऑफिसर के पद पर काम किया। फिर 1996 से 2000 तक दिल्ली की एचबीएन डेयरी कंपनी में झोनल मैनेजर रहा। यहां से 2010 तक दिल्ली की जीएन डेयरी कंपनी में काम किया। 2010-13 तक जी लाइफ इंडिया कंपनी में काम किया। फिर मार्च 2013 में पर्लपेन इंडिया सोलर एनर्जी लिमिटेड कंपनी बनाई। रजिस्ट्रेशन आरओसी से करवाया। पंकज के खिलाफ पिपलियाहाना और सोनकच्छ में भी धोखाधड़ी का केस दर्ज होने की बात पता चली है।