मोदी के फर्जी विज्ञापन कांड में FIR होनी चाहिए: राजस्व मंत्री

भोपाल। राजधानी में बिल्डर्स के एक समूह क्रेडाई भोपाल द्वारा किए गए मोदी के फर्जी विज्ञापन कांड का विरोध थामे नहीं थम रहा है। एक तरफ भोपाल के 12 करोड़पति बिल्डर्स हैं जो फर्जीवाड़े को हर स्तर पर लगभग दबा चुके हैं तो दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस मामले में खुलकर सामने आ रहे हैं। मप्र के राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि इस मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर होना चाहिए। 

दरअसल, यह एक ऐसा फर्जीवाड़ा है जो भोपाल के 12 बिल्डर्स, एक संस्था और सीएम शिवराज सिंह के एक प्रिय साथी नेता ने मिलकर किया है। भोपाल के महापौर ने इस मामले में बिल्डर्स से कुछ इस तरह से डील की मानो नगर निगम कोई सरकारी संस्थान नहीं बल्कि उनकी प्राइवेट कंपनी है। सबसे पहले विज्ञापन छापा गया। विज्ञापन पर पीएमओ से आपत्ति भी आई, बावजूद इसके शहर के 3 स्थानों पर शिविर भी लगाए गए। 

सबकुछ खुलेआम हुआ। आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे ने इसकी शिकायत पीएमओ को की। पीएमओ ने आपत्ति जताई तो नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने विज्ञापन को फर्जी बताते हुए एफआईआर का ऐलान किया, लेकिन दूसरे ही दिन वो इसे मामूली मामला बताने लगीं। भोपाल पुलिस के पास भी एक शिकायती आवेदन है परंतु अभी तक जांच शुरू नहीं हो पाई है। इस बीच राजस्व मंत्री का बयान सामने आया है। देखते हैं। मोदी के नाम फर्जी विज्ञापन एवं शिविर लगाकर अपना धंधा चमकाने के इस खेल में कोई कार्रवाई होती है या नहीं। 
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