
आरोप है कि भोपाल के 11 बिल्डर्स की बिना बिकी प्रॉपर्टी को ठिकाने लगाने की योजना से यह फर्जीवाड़ा प्लान किया गया ताकि लोग सरकारी योजना के झांसे में आकर बिल्डर्स के बिना बिके मकान खरीद लें। इस विज्ञापन को जारी करते हुए क्रेडाई के अध्यक्ष
बवाल मचने के बाद क्रेडाई के सचिव मनोज सिंह मीक ने कहा है कि यह हमारी योजना नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की योजना है और हमारे बिल्डर्स तो केवल उन्हें सपोर्ट कर रहे थे। इसीलिए हमने यह कार्यक्रम आयोजित किया था।
आरटीआई कार्यकर्ता अजय दुबे का कहना है कि मैने ही पीएमओ एवं सीएम आॅफिस में इसकी शिकायत की है। इस विज्ञापन में बिना अनुमति के प्रधानमंत्री मोदी एवं सीएम शिवराज सिंह के फोटो का उपयोग किया गया है। विज्ञापन कुछ इस तरह से प्रस्तुत किया गया है जैसे यह सरकारी योजना हो। यह धोखाधड़ी का मामला है और मैं इनके खिलाफ मामला दर्ज कराउंगा।
नगर निगम को बताया था आयोजक

बयान तो महापौर का भी छपा है
क्रेडाई के इस आयोजन को लेकर बयान तो महापौर आलोक शर्मा का भी छपा है और उसी खबर में है जिसमें क्रेडाई ने इस कार्यक्रम का आयोजक नगर निगम को बताया है। आलोक शर्मा ने अपने बयान में क्रेडाई की इस पहल का स्वागत किया है। पता चला है कि नगर निगम ने उन आवेदकों की सूची भी क्रेडाई को उपलब्ध कराई थी जिन्होंने 'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत सस्ते आवास के लिए आवेदन किया था। तो क्या यह समझा जाए, महापौर भी इस खेल में शामिल हैं।
ये हैं वो 11 बिल्डर्स जो इस कार्यक्रम के प्रायोजक हैं
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क्रेडाई द्वारा छपवाई गई खबर जिसमें नगर निगम को आयोजक बताया गया है, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें