मेरी मां, मेरे भाई को राखी बांधने नहीं देती, पुलिस अंकल मदद करो

इंदौर। राखी करीब है, पर इंदौर में एक बहन अपने भाई को राखी बांधने के लिए कानूनी मदद ले रही है। अदालत की चौखट से लेकर पुलिस अधिकारियों के दरवाजे तक पर दस्तक दे रही है। सबसे एक ही गुहार लगा रही है मुझे भाई को राखी बांधनी है।

17 साल की अक्षिता पारगिर हर साल राखी पर अपने भाई को राखी बांधने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। जब अक्षिता दो साल की थी तब उसकी मां सरकारी अस्पताल में नर्स की नौकरी ज्वाइन की थी। उस वक्त अक्षिता की मां ने व्यापमं की परीक्षा में खुद को अनमैरिड बताया था। जब अक्षिता 10वीं पास की तो इसने मां के इस कदम का विरोध किया। तब मां ने बात करना बंद कर दिया। 

पिछले दो साल से उसकी मां प्रिति पिता से अलग रहती है। पांच साल का भाई अथर्व मां के साथ रहता है। मां भाई बहन को मिलने नहीं देती। पिछले साल भी पुलिस की मदद से भाई के कलाई पर अक्षिता ने जाकर राखी बांधी थी। इस साल भी उसकी मां प्रिति भाई अथर्व को राखी नहीं बांधने देगी, ऐसे में उसने पुलिस से गुहार लगाई है। 

दरअसल, अक्षिता ने अपनी मां प्रिति और मामा रूपेश मारिया द्वारा मारपीट करने के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका लगायी थी, जिसकी जांच महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किये जाने के बाद कोर्ट ने मंगलवार को प्रिति और रुपेश के खिलाफ घरेलु हिंसा का प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया है। मदद के लिए अक्षिता डीआईजी संतोष कुमार सिंह के पास भी पहुंची। डीआईजी ने महिला थाना प्रभारी को निर्देशित किया है कि वह अपनी टीम के साथ अक्षिता को लेकर उसका भाई के घर जाए और उसे राखी बंधवाना सुनिश्चित करें।

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