
इसके आलावा उनका कहना है कि अन्य जगहों के नाम बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ाई लड़ने वालों के नाम पर होगा। उनका कहना है कि बलूचिस्तान विवाद पाकिस्तान का आंतरिक विवाद नहीं है। उनके अनुसार पाकिस्तान विदेशी हमलावर है। यह 1948 से ही यहां के लोगों पर हमले कर रहा है। यहां के बच्चों और महिलाओं की हत्या कर रहा है। इसमें वो फाइटर जेट और बड़े हथियारों का खुलकर उपयोग करते हैं। हमलोगों ने पाकिस्तान का आधिपत्य कभी भी स्वीकार नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि ऐसे में संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सहयोग करना चाहिए। हिरबायर ने बताया कि पाकिस्तान ने 30 सितंबर 1947 को यूनाइटेड नेशन ज्वाइन किया था लेकिन छह महीने बाद ही उसने यूएन के प्रावधानों का उल्लंघन कर दिया। उसने संप्रभु बलूचिस्तान पर हमला कर दिया। आपको बता दें कि बलूचिस्तान के नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस बयान का स्वागत कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान द्वारा बलूचियों के खिलाफ चलाए जा रहे दमन की बात कही थी।