मप्र में भेष बदलकर रह रहे थे गुजरात के आतंकवादी

भोपाल। आप इसे मप्र पुलिस के मुखबिर नेटवर्क की बड़ी चूक कह सकते हैं कि गुजरात के 'गोधरा कांड' का बदला लेने की साजिश रचने वाले 2 आतंकवादी मप्र के बुरहानपुर जिले में 2003 से छिपे हुए थे और मप्र पुलिस को पता तक नहीं चला। ताज्जुब कीजिए कि गुजरात की एटीएस भेष बदलकर बुरहानपुर आ पहुंची और उसने छिपे हुए आतंकियों को खोज निकालने के बाद उनकी रैकी भी की और मप्र पुलिस को पता तक नहीं चला। पता तो तब चला जब एटीएस ने पुष्टि होने के बाद दोनों आतंकियों को दबोच लिया। 

अब्दुल रजाक अब्दुल रहीम शेख (36) और मोहम्मद शकील शेख (36) को 2002 के गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए 2003 में अहमदाबाद के दो लोगों को हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। एटीएस ने एक बयान में कहा, 'मामले की जांच कर रही एटीएस टीम को सूचना मिली थी कि दो आरोपी अब्दुल रजाक अब्दुल रहीम शेख और मोहम्मद शकील शेख अपनी पहचान बदलकर मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रह रहे हैं।

अब्दुल और शकील बुरहानपुर में मैकेनिक के तौर पर काम कर रहे थे। सीआरपीसी की धारा 70 के तहत उन्हें हिरासत में लेने से पहले एटीएस ने उन पर करीब से नजर रखी थी। पूछताछ के दौरान अहमदाबाद में दो लोगों को हथियार और गोला बारूद मुहैया कराने में उनकी कथित भूमिका की बात सामने आई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

अहमदाबाद की अपराध शाखा ने उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चार अप्रैल 2003 को आईपीसी, शस्त्र कानून और आतंकवाद निरोधक कानून की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। गुजरात एटीएस की इस कार्रवाई के बाद बुरहानपुर पुलिस सकते में है। एएसपी मनोज राय ने बताया कि पुलिस अब उनके पुराने रिकॉर्ड को खंगालने के साथ स्थानीय लिंक को भी जोड़ने की कोशिश कर रही है।

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