संघ की विचारधारा के खिलाफ मप्र के शिक्षामंत्री ने की ईसाई स्कूलों की तारीफ

भोपाल। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और ईसाई संस्थाओं के बीच का तनाव जग जाहिर है। आरएसएस ने मिशनरी स्कूलों के विरुद्ध सरस्वती विद्यालयों की श्रंखला चलाई है जो देश भर में संचालित हो रही है और संघ का दावा है कि उनके स्कूलों से निकले विद्यार्थी राष्ट्र के काम में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और मिशनरी स्कूलों के माध्यम से भारत पर सांस्कृतिक हमले किए जाते हैं। धर्मांतरण भी होता है। विद्यार्थियों को अच्छा नागरिक बनाने के बजाए अच्छा नौकर बनाने की शिक्षा दी जाती है। परंतु मप्र के शिक्षामंत्री विजय शाह का कहना है कि मिशनरीज स्कूल शिक्षा सेवाओं को संचालित कर राष्ट्र का निर्माण कर रहीं हैं। 

शाह ने कहा कि मिशनरी स्कूलों के प्रति उनका लगाव तब से है, जब आर्च बिशप डॉ. लियो कार्नेलियो खंडवा में रहे। आर्च बिशप ने कहा कि यह सम्मेलन हमें विचारों को बांटने का सुंदर अवसर देता है। शिक्षा जीवन पर्यंत हमारे साथ रहती है। 

इस मौके पर आर्च डायसिस के जनसंपर्क अधिकारी फादर मारिया स्टीफन ने फादर थॉमस के साथ मिलकर सूचना तंत्र को और मजबूत करने का आह्वान किया। कार्यक्रम में सागर बिशप एन्थनी चिरायथ, सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट सिस्टर ट्रीजा पॉल और सोसायटी के फादर थॉमस सहित 200 प्राचार्य, स्कूलों के मैनेजर आदि मौजूद थे। 

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