कौटिल्य एकेडमी: छात्रों का टैक्स हड़प गई

इंदौर। प्रख्यात कोचिंग इंस्टीट्यूट कौटिल्य एकेडमी पर छात्रों द्वारा अदा किया गया टैक्स हड़प जाने का आरोप है। कोचिंग संचालकों ने छात्रों से तो टैकस वसूला लेकिन सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया। अधिकारियों का दावा है कि यहां बड़े स्तर पर टैक्स घोटाला किया गया है। छापामार कार्रवाई के दौरान जांच जारी है। 

डायरेक्टर जनरल सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीईआई) की टीम सुबह 10 बजे से संस्थान के भंवरकुआं स्थित मुख्य ऑफिस के साथ राजवाड़ा और प्रेस कॉम्प्लेक्स स्थित परिसर पर पहुंची। अधिकारियों ने रजिस्टर, कम्प्यूटर रिकॉर्ड, बहीखाते, फीस लेन-देन का रिकॉर्ड कब्जे में लिया। कर्मचारियों के साथ छात्रों के पंजीयन और कक्षा की उपस्थिति की जांच भी की गई। सूत्रों के अनुसार प्रारंभिक तौर पर छात्रों के रजिस्ट्रेशन और कक्षा में दर्ज संख्या में खासा अंतर होने के तथ्य अधिकारियों के हाथ लगे हैं। 

फीस के लिए अलग-अलग रसीदों और हिसाब के लिए एक से ज्यादा रिकॉर्ड के तथ्य भी मिले हैं। दरअसल कोचिंग पर 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स लागू होता है। अधिकारियों को शक है कि संस्था दर्ज छात्रों के मुकाबले काफी कम पर सर्विस टैक्स चुका रही थी जबकि छात्रों से पूरी फीस और टैक्स की राशि अलग से ली जा रही थी। फीस के लिए दोहरी एंट्री और रसीद सिस्टम का पता चला है।

गिरफ्तारी का अधिकार
शहर की कोचिंग इंडस्ट्री पर सर्विस टैक्स चोरी के मामले में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है। करीब दो साल पहले मेडिकल कोचिंग से जुड़े संस्थान ब्रेनमास्टर्स पर भी कार्रवाई की गई थी। तब बड़ी टैक्स चोरी का आंकड़ा सामने आने पर संचालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। दरअसल 50 लाख से ज्यादा की सर्विस टैक्स चोरी पर गिरफ्तारी का प्रावधान भी है।

लॉकर और सील खोले
आयकर की इंवेस्टिगेशन विंग ने पोषण आहार कारोबारी एमपी एग्रो और उसके साझेदारों पर फिर जांच शुरू कर दी। बीते महीने के अंत में मारे गए छापे में रिकॉर्ड जब्त किया गया था। 15 लॉकर्स और ठिकानों पर अलमारियों पर प्रोबेशन ऑर्डर (पीओ) लगाकर सील कर दिया गया था। बुधवार को लॉकर और सील खोल दिए गए। दस्तावेजों और लॉकर की जांच के बाद टैक्स चोरी के आंकड़े में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे पहले विभाग करीब सौ करोड़ की अघोषित आय का अंदेशा जता चुका है।

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