
मुख्यमंत्री ने अचानक बुलाया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को सुबह अचानक महापौर आलोक शर्मा, कलेक्टर निशांत वरवडे और निगमायुक्त छवि भारद्वाज को रिटेनिंग वॉल के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया। मुख्यमंत्री ने सीधे पूछा कि आखिर रिटेनिंग वॉल को लेकर इतना विवाद क्यों मचा है? इसकी सच्चाई क्या है?
कमिश्नर ने पूरा सच बताया
सूत्रों के अनुसार निगमायुक्त छवि भारद्वाज ने स्वीकार किया कि कुछ जगहों पर वॉल एफटीएल के भीतर बनी है। जुलाई में हुई पहली तेज बारिश में ही यह डूब गई और पानी इसके ऊपर से निकल गया। निगमायुक्त ने उन्हें यह भी बताया कि रिटेनिंग वॉल के निर्माण का मुद्दा मीडिया में आने के बाद वॉल का निर्माण रोक दिया गया था। केवल उस क्षेत्र में हम पौधरोपण के लिए तैयारी कर रहे थे। कलेक्टर निशांत वरवड़े ने भी उनकी बात का समर्थन किया।
महापौर ने बहाना बनाया
इस मौके पर महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि बड़े तालाब पर हो रहे अतिक्रमण को रोकने और खानूगांव तक पहुंचने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए यह रिटेनिंग वॉल बन रही थी। शर्मा ने कहा कि वॉल को सीधा बनाना था इसलिए कुछ जगहों पर यह एफटीएल के भीतर है। उन्होंने इस क्षेत्र में प्रस्तावित साइकिल ट्रैक, पैदल पथ आदि के बारे में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा -‘भोपाल के आम लोगों के साथ उनकी भी भावनाएं इस तालाब से जुड़ी हुई हैं। तालाब भोपाल की पहचान है। किसी भी योजना को लागू करते समय देखें कि इसके मूल स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ न हो।’
सवालों की जद में बाबूलाल
सीएम ने वॉल तोड़ने के आदेश तो दे दिए लेकिन इसके साथ ही एक सवाल भी उछाला गया है। सिटीजंस फोरम ने कहा है कि इस वॉल को बनाने में जनता के जो 8 करोड़ खर्च हुए हैं वो कौन लौटाएगा। याद दिला दें कि वॉल का आइडिया हटाए गए मंत्री बाबूलाल गौर का था। नगर निगम के कमिश्नर विशेष गढ़पाले एवं तेजस्वी एस नायक ने इस पर काम किया था।