नक्सलियों की मददगार महिला ने आॅपरेशन से किया इंकार

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। जिले से 3 माह पूर्व नक्सलवादियों को सहयोग करने के आरोप में गिरफ्तार की गई संरक्षित बैगा जनजाति की महिला सावनी बाई ने मेडिकल कालेज जबलपुर के डाक्टरों को उस समय असमंजस में डाल दिया जब उसने प्रसव पीडा के चलते डाक्टरों द्वारा आॅपरेशन कराने की सलाह मानने से इंकार कर दिया।

उसे प्रसव पीडा के चलते कल सुबह सेन्ट्रल जेल जबलपुर से कडी सुरक्षा में एलगीन अस्पताल ले जाया गया था उसकी हालत जाचंने के पश्चात डाक्टरों ने सीजेरियन आपरेशन करके प्रसव कराने की बात कही तो वह महिला भडक गई उसने आपरेशन कराने से मना कर दिया। उसे एल्गिन से मेडिकल कालेज ले जाया गया लेकिन महिला आपरेशन ना कराने की जिद पर अडी रही डाक्टरों ने महिला तथा उसे गर्भास्थ शिशु की हालत गंभीर बताई।

बालाघाट के मलाजखण्ड थाने के अंतर्गत जंगला गांव निवासी धनश्याम तथा उसकी पत्नी सावनी बाई एवं मंशाराम को 17 मई को पाथरी पुलिस चौकी ने नक्सलीयों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया था उस समय वह गर्भवती थी।

एल्गिन अस्पताल जबलपुर में उसे कल 9.30 बजे उसे भर्ती कराया गया 11 बजे अस्पताल अधिक्षक निशा साहु ने आपरेशन की सलाह दी लेकिन उसने मना कर दिया उसकी जिद और हालत खराब होने पर दोपहर मेडिकल कालेज भेजा गया रात 8 बजे तक महिला चिकित्सक उसे समझाने का प्रयास करती रही लेकिन वह आपरेशन की बजाय सामान्य प्रसव करने की जिद पर अडी रही। उसने साफ साफ कह दिया मेरी तथा मेरे बच्चे की जान चली जाये लेकिन में आपरेशन नही कराउंगी।

उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई को तीनों आरोपियों की ओर हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। कोर्ट ने मंशाराम और धनश्याम की जमानत खारिज कर दी। वहीं सावनी बाई की जमानत अर्जी मानवीयता के आधार पर स्वीकार कर ली थी लेकिन सावनी बाई की किसी ने जमानत नही ली जिसके कारण वह अभी भी जेल में निरूद्ध है।

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