बाबा रामदेव को मप्र में 500 करोड़ के निवेश पर 1000 करोड़ की छूट

भोपाल। यूं तो बाबा रामदेव देशभक्ति की बड़ी बड़ी बातें करते हैं, परंतु देश के विकास के लिए टैक्स चुकाने से कतराते हैं। उनकी कंपनी पतंजलि भरपूर कारोबार कर रही है और मुनाफा भी कमा रही है, बावजूद इसके बाबा रामदेव सरकारों से जोड़ तोड़ करके टैक्स छूट हासिल कर रहे हैं। मप्र में बाबा रामदेव ने 500 करोड़ के फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट पर 1000 करोड़ की छूट हासिल कर ली। मप्र सरकार बाबा के सामने नतमस्तक नजर आई। 

सीएम शिवराज सिंह ने मंगलवार को हुई केबिनेट मीटिंग में इसकी मंजूरी दी है। पीथमपुर (धार) में 40 एकड़ जमीन मेसर्स पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को 25 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर पर दी जाएगी। पतंजलि को फायदा पहुंचाने के लिए निवेश की पॉलिसी ही बदल दी गई है। इस पॉलिसी में अभी तक सिर्फ 10 करोड़ रुपए तक का निवेश करने वालों को छूट मिलती थी, लेकिन इस दायरे को हटा दिया गया है। माना जा रहा है कि फूड प्रोसेसिंग की रिवाइज पॉलिसी भी जल्द कैबिनेट में रखी जाएगी।

छूट 200 फीसदी होगी
सीएसटी के रूप में जमा की गई राशि की शत-प्रतिशत वापसी अगले 10 साल तक होगी। यह निवेश की गई राशि के 200 प्रतिशत के बराबर होगी। यानी पतंजलि 500 करोड़ का निवेश करती है तो उसे 1000 करोड़ रुपए के वैट व सीएसटी में छूट मिलेगी। बिजली में एक रुपए प्रति यूनिट की छूट होगी। यह छूट व्यावसायिक उत्पादन से पांच साल के लिए होगी। हेजार्ड एनालिसिस एंड क्रिटिकल कंट्रोल प्वाइंट, गुड मेन्यूफेक्चरिंग प्रैक्टिसेस, आईएसओ, एगमार्क, एफपीओ, गुड लेबोरेट्री प्रेक्टिस और टोटल क्वालिटी मैनेजमेंट आदि प्रमाण पत्र के लिए शुल्क का 50 फीसदी सरकार देगी। जो अधिकतम 5 लाख रुपए तक होगा। यह 10 करोड़ तक की इकाई वालों के है, जिसे बढ़ाया जाना प्रस्तावित है। रिसर्च व पेटेंट के लिए भी सरकार मदद करेगी।ट्रांसपोर्टेशन में व्यय किए गए कुल व्यय का 30 फीसदी सरकार देगी। यह व्यवस्था अभी छोटी इकाइयों के लिए है, जिसे बढ़ाया जा सकता है। लागत पूंजी पर 25 फीसदी तक अनुदान होगा। यह अनुदान अधिकतम 2.5 करोड़ रुपए अभी तय किया गया है, जिसे बढ़ाया जा सकता है।

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