अब भ्रामक विज्ञापन पर 5 साल की जेल, 50 लाख रुपए जुर्माना: नया कानून

नईदिल्ली। घटिया उत्पाद, खराब सेवा और भ्रामक विज्ञापन से ग्राहकों को चूना लगाने वाले अब बख्शे नहीं जाएंगे। सरकार ने झांसा देकर सामान बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई के लिए एक मसौदा विधेयक तैयार किया है। इसमें पहली बार अपराध पर बिचौलिए (ई-कॉमर्स या व्यापारी) दो साल कैद और दस लाख रुपये जुर्माना, दूसरी बार पांच साल कैद और 50 लाख रुपये तक जुर्माने प्रावधान है।

समिति की सिफारिश पर सख्त प्रावधान: 
सरकार ने बीते साल अगस्त में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक पेश किया था। इसके बाद में इसे जांच के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया। अप्रैल, 2016 में समिति की सिफारिशों पर इसमें ग्राहकों से खिलवाड़ करने वालों सख्त प्रावधान किए गए। संशोधन के बाद मसौदा विधेयक कैबिनेट के अलावा दूरसंचार मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग सहित संबंधित मंत्रालयों को भेजा गया है।

गलती का बहाना नहीं चलेगा
मसौदे में घटिया सामान पर निर्माता, ई-कॉमर्स, बिचौलियों और विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई के प्रावधान हैं। यह दलील भी नहीं मानी जाएगी कि बिचौलिए (ई-कॉमर्स या व्यापारी) की ओर से सावधानी बरती गई, लेकिन उत्पाद या सेवा में गलती हो गई।

ये हैं प्रावधान
धारा 75(अ) के तहत भ्रामक विज्ञापन देने पर जिम्मेदार व्यक्ति को धारा 75(ब) की तर्ज पर बिचौलिए की तरह सजा व जुर्माना होगा।

मुकदमों का निपटारा आयोग करेगा
मसौदे में उपभोक्ता मामलों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला उपभोक्ता आयोग को प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां दी गई हैं। सभी मुकदमों का निपटारा आयोग ही करेगा। शिकायत पर निर्देशों का पालन नहीं करने पर आयोग आरोपी को न्यूनतम एक साल और अधिकतकम तीन साल के लिए जेल भेज सकता है। साथ ही, दस से पचास हजार जुर्माना लगा भी लगा सकता है।

शीत सत्र में विधेयक
इस संबंध में केंद्र सरकार एक विधेयक को शीत सत्र में पारित कराने का प्रयास करेगी। संसद की स्थायी समिति की सिफारिशों पर इस विधेय में 77 संशोधन किए हैं।

लाइसेंस रद्द होगा
धारा 75ई में निर्माता द्वारा झूठी गारंटी और गुणवत्ता में कमी पर दस लाख तक जुर्माना। पहली बार अपराध पर कोर्ट दो साल के लिए लाइसेंस निलंबित करेगी, जबकि दूसरी बार इसे रद्द करेगी।

दिल्ली अव्वल
19.97 फीसदी शिकायतें दिल्ली से मिलती हैं, जो अन्य राज्य से अधिक है
120 उत्पाद बिना आईएसआई मार्क के नहीं बेचे जा सकते
1134 मामले मेडिकल नेगलिजेंस के सिर्फ महाराष्ट्र में 2014-15 में
19,487 कॉल इस साल जून में नेशलन कंज्यूमर हेल्पलाइन पर जो 11 साल में सर्वाधिक है। 

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