
सोमवार को यह फैसला विशेष न्यायाधीश जयप्रकाश सिंह ने सुनाया। फरियादी जैन की पत्नी प्रेमलता के नाम का मकान नेहरू नगर में था, जिसे वे बेच चुके थे और रजिस्ट्री भी हो गई थी। मकान के नामांतरण के लिए हाउसिंग बोर्ड में आवेदन दिया था।
इसके लिए आरोपी शर्मा ने फरियादी से 10 हजार की मांग की और सात हजार उसी दिन ले लिए थे। बाद तीन हजार रुपए लेते उसे लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था। विशेष लोक अभियोजक अशोक सोनी ने गवाहों के कथन से अपराध सिद्ध किया।