
अरुण जेटली ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था संघवाद का एक बेहतरीन उदाहरण है और यह राज्यों तथा केंद्र सरकार के राजस्व को निरंतर बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, "भारत के इतिहास में यह सबसे बड़ा कर सुधार है। इसलिए इस पर संभवत: व्यापक राजनीतिक सहमति बनाना जरूरी था।" उन्होंने कहा कि राज्यों की सबसे बड़ी चिंता वस्तुओं पर उसके द्वारा लगाए जाने वाले कर को लेकर था।
जेटली ने जवाब में क्या कहा-
* लगभग सभी दलों ने जीएसटी का समर्थन किया है।
* भारत राज्यों का संघ है
* कानून पर जब चर्चा होती है तो सुधरता है
* राज्य और केंद्र एक-दूसरे के लिए जवाबदेह हैं
* 'कई आइटम ऐसे हैं जिसपर लोवर रेट का टैक्स लगेगा, या नहीं लगेगा'
* जीएसटी से सिस्टम और कुशल हो जाएगा।
* टैक्स पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, टैक्स चोरी बचेगी
* 'टैक्स व्यवस्था में केंद्र और राज्य दोनों को प्रभावी अधिकार होने चाहिए'
* टैक्स नीति से केंद्र को अलग नहीं रखा जा सकता है
* जीएसटी से टैक्स चोरी करने में दिक्कत होगी
* केंद्र और राज्य की एकराय होनी चाहिए
* दोहरे कर की कोई शिकायत नहीं होगी
* केंद्र और राज्य को एक करने के लिए ये नया प्रयोग
* 'टैक्स व्यवस्था में केंद्र और राज्य दोनों को प्रभावी अधिकार होने चाहिए'
* टैक्स नीति से केंद्र को अलग नहीं रखा जा सकता है
* 'समिति की सिफारिशों पर विचार किया गया है'
* 'जीएसटी से टैक्स पर टैक्स का व्यापक प्रभाव कम होगा'
* 'राज्य 18 फीसदी दर पर तैयार नहीं वो दर और बढ़ाना चाहते हैं'
* 'पूर्व वित्त मंत्रियों ने जीएसटी को गंभीरता से नहीं लिया था'
* जीएसटी की दर उचित रखने की कोशिश की जा रही है
* 'कांग्रेस का बिल अगर सदन में रखा जाए तो कोई भी राज्य मानने को राजी नहीं होगा'
* जीएसटी लागू होने से कर बचाना बहुत मुश्किल हो जाएगा
* 'सीईए की साल 2013-14 की रिपोर्ट यह नहीं कहती कि GST की दर 18 फीसदी होनी चाहिए, हमें 17 से 19 के बीच की दर रखने की बात कही गई थी, अच्छा होगा अगर हम 18 फीसदी की दर तय कर सकें'
* शराब जीएसटी के दायरे से बाहर होगा, पेट्रोलियम उत्पाद जीरो-रेटेड होगा लेकिन राज्य इनपर अपनी तरफ से कर लगा सकते हैं।
* जबतक किसी फैसले पर नहीं पहुंच जाते, यह स्थिति बहाल रहेगी।
*केंद्र का राज्यों पर वीटो का अधिकार होगा, वहीं राज्य के पास केंद्र पर वीटो का अधिकार होगा।"
*हम सब इस बात पर सहमत हैं कि विवादों को परिषद द्वारा सुलझा लिया जाएगा।"