मोदी और मुसलमान: दिखावा नहीं, बस काम ही काम | #Modi_Iftar_party

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी की मुसलमानों के प्रति सोच और गतिविधियां लगातार समीक्षा का विषय रहती हैं। यह लगातार तीसरा साल है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परंपरा तोड़ते हुए राष्ट्रपति की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं हुए। भारत में एक सामान्य धारणा है कि यदि कोई नेता इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होता तो वह मुस्लिम विरोधी है परंतु मोदी ने इस धारणा को तोड़ने का काम किया। शायद वो संदेश देना चाहते हैं कि धर्म के मामलों में सत्तारूढ़ नेताओं को दिखावा नहीं करना चाहिए, बस काम करना चाहिए जो दिखाई दे। 

ये नेतागण हुए थे शामिल
इफ्तार पार्टी राष्ट्रपति भवन के अंदर हाल ही में बने ऑडिटोरियम एनेक्सी में हुई। इसमें वाइस प्रेसिडेंट हामिद अंसारी, सोनिया गांधी, फाइनेंस मिनिस्टर जेटली और अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शामिल हुए। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, शीला दीक्षित, मोहसिना किदवई और लेफ्ट लीडर सीताराम येचुरी भी नजर आए। पाकिस्‍तान के हाई कमिश्नर अब्‍दुल बासित समेत कई डिप्लोमैटिक मिशन के हेड भी पहुंचे।

पूर्व प्रधानमंत्रियों ने क्या किया था 
नेहरू जब पीएम थे, तब वे कांग्रेस हेडक्वार्टर्स में इफ्तार पार्टी की मेजबानी करते थे। 1980 में जब इंदिरा गांधी दोबारा सत्ता में आईं तो प्राइम मिनिस्टर की मेजबानी में इफ्तार पार्टी दी जानी लगी। इंदिरा से लेकर वाजपेयी और मनमोहन सिंह तक हर पीएम ने हर रमजान में 7 RCR या प्रेसिडेंट हाउस में इफ्तार पार्टी दी। अटल बिहार वाजपेयी जब पीएम थे तो वे भी इफ्तार पार्टी की मेजबानी करते थे। प्रेसिडेंट की इफ्तार में भी जाते थे। मोदी कैबिनेट में शामिल किसी भी मंत्री ने अब तक इफ्तार पार्टी नहीं दी है। 

कलाम ने कर दिया था इंकार 
एपीजे अब्दुल कलाम जब प्रेसिडेंट थे, तब उन्होंने सालाना इफ्तार कराने से इनकार कर दिया था। कलाम की दलील थी कि आम जनता के पैसे का इस्तेमाल मजहब से जुड़े प्रोग्राम्स के खर्चे के लिए नहीं होना चाहिए। हालांकि, उनके बाद प्रतिभा पाटिल जब प्रेसिडेंट बनीं तो 2007 में उन्होंने इफ्तार होस्ट करने की शुरुआत की।

मोदी का स्टेंड 
मोदी ने 2014 में रमजान के दौरान अपने रेजिडेंस 7 आरसीआर पर इफ्तार पार्टी नहीं दी। वे राष्ट्रपति भवन में हुए इफ्तार में भी नहीं गए।

लेकिन चादर चढ़ाई
मोदी ने भले ही इफ्तार पार्टी नहीं दी, लेकिन इसी साल अप्रैल में उन्होंने अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए मुख्तार अब्बास नकवी को भेजा। हर मौके पर भगवा बिग्रेड को संदेश दिया कि उनके बयानों को बर्दाश्त नहीं करेंगे। 

मुस्लिम नेताओं से लगातार मुलाकात
मोदी ने अप्रैल 2015 में मुस्लिम नेताओं से दिल्ली में मुलाकात की। इसमें मुस्लिम नेताओं ने धार्मिक स्थलों, मस्जिदों और मदरसों की संपत्तियों से जुड़ी समस्याएं उठाई थीं। फिर जून 2015 में 30 मुस्लिम रिप्रेजेंटेटिव्स से मुलाकात की। इनमें सोशल वर्कर्स, धर्मगुरु और एजुकेशनिस्ट शामिल थे। मोदी ने सबसे अलग-अलग मुलाकात की। 

अपने हाथ से चाय पिलाई 
इसके बाद बातचीत के दौरान मोदी ने कहा, "अगर आपको रात 12 बजे भी मेरी जरूरत पड़ती है तो मैं आपके लिए उपलब्ध हूं।" मोदी ने उनसे यह भी कहा कि योग को किसी धर्म से नहीं जोड़ें। उस वक्त भारत की पहल पर यूएन ने 21 जून को वर्ल्ड योग डे घोषित किया था और सरकार बड़े पैमाने पर इसे सेलिब्रेट करने की तैयारी में थी।

ईद के लिए विशेष आयोजन
2016 के रमजान में मोदी प्रेसिडेंट की इफ्तार पार्टी में तो नहीं गए, लेकिन इसकी जगह उन्होंने ईद के लिए ई-ग्रीटिंग्स डिजाइन करने का कॉन्टेस्ट शुरू कराया, ताकि ईद की स्पिरिट देशभर में कायम रहे। मोदी ने अपने पसंदीदा पोर्टल MyGov पर यह कॉन्टेस्ट शुरू कराया। सभी डिजाइन शॉर्टलिस्ट करने का जिम्मा स्टैडिंग कमेटी को सौंपा गया। सिलेक्टेड तीन डिजाइन को प्राइज देने का एलान किया गया है।

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