
संस्कृत प्रमोशन फाउंडेशन दिल्ली के रिसर्च फैलो और श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ से संस्कृत व्याकरण में पीएचडी कर रहे पंकज ने पहला प्रयोग मशहूर फिल्मी गाना ‘धीरे-धीरे से मेरी जिंदगी में आना...’ में किया है। इस गाने को उन्होंने संस्कृत में अनुवाद कर ‘शनै: शनै: मम जीवने आगच्छ...’ शब्द दिया है।
पूरे गाने का संस्कृत में अनुवाद कर उन्होंने उसी धुन पर अपनी सुमधुर आवाज भी दी है। संस्कृत अनुवादित इस गाने की रिकॉर्डिंग के बाद पंकज ने इसकी मोहक वीडियो भी तैयार कराई है। उसे आमलोगों के लिए इंटरनेट पर भी अपलोड कराया गया है। बतंगड़ नाम से फेसबुक पेज पर भी वीडियो अपलोड किया गया है। अनुवादक सह गायक पंकज झा का कहना है कि चूँकि संस्कृत देववाणी है। बिना संस्कृत के किसी भी भाषा की कल्पना नहीं की जा सकती है। वह खुद देवभूमि बाबाधाम के निवासी हैं।
यहां सुनिए हनीसिंह के गाए हुए गीत धीरे धीरे से... का संस्कृत वर्जन
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