कमर में पिस्टल खौंस साहित्य का सृजन करते हैं अनिल माधव दवे | Anil Madhav Dave

भोपाल। नरेन्द्र मोदी की नई टीम ने आए मप्र के अनिल माधव दवे दोहरी प्रतिभा के धनी हैं। वो साहित्यकार हैं यह तो सभी जानते हैं परंतु वो प्रोफेशनल पायलट भी हैं, यह कम ही लोग जानते हैं। इतना ही नहीं उन्हें बंदूक चलाने का बड़ा शौक है। 50 हजार रुपए कीमत की एक बेहतरीन पिस्टल वो हमेशा अपने साथ रखते हैं। 

बड़नगर(मप्र) में 6 जुलाई 1956 को जन्मे दवे ट्रेंड पायलट हैं। वर्ष 2004 में दवे ने हवाई जहाज से नर्मदा की परिक्रमा की थी। नर्मदा की पहली हवाई परिक्रमा करने वाले अनिल माधव दवे ने इस पर एक पुस्तक लिखी थी 'अमरकण्टक से अमरकण्टक तक' (2006)। यह पुस्तक आज भी काफी लोकप्रिय है। दवे को राइफल चलाने का भी शौक है। इनके पास 50 हजार रुपए कीमत की पुरानी पिस्टल और 20 हजार रुपए मूल्य की राइफल है।

विजयादशमी को जन्म। प्रारंभिक शिक्षा रेलवे में कार्यरत पिता के साथ गुजरात के विभिन्न अंचलों में। 1964 से रा.स्व. संघ के स्वयंसेवक। इंदौर के गुजराती कॉलेज से एम कॉम। छात्र संघ अध्यक्ष। ग्राम्य अर्थव्यवस्था व प्रबंधन में विशेषज्ञता। शौकिया पायलट। जन अभियान परिषद् (स्वयंसेवी संगठनों के दर्शन और व्यवहार को क्रियारूप देने का प्रयास करनेवाली म.प्र. की संस्था) के रचनाकार। नर्मदा समग्र के संस्थापक। पर्यावरणविद्। भारतीय लोक व शिष्ट परंपरा के अध्येता। मासिक ‘चरैवेति’ के पूर्व संपादक।

प्रकाशित पुस्तकें
  1. सृजन से विसर्जन तक
  2. नर्मदा समग्र
  3. शताब्दी के पांच काले पन्ने (सन् 1900 से सन् 2000)
  4. संभल के रहना अपने घर में छिपे हुए गद्दारों से
  5. महानायक चंद्रशेखर आजाद
  6. रोटी और कमल की कहानी
  7. समग्र ग्रामविकास
  8. अमरकंटक से अमरकंटक तक
  9. Beyond Copenhagen
  10. Yes I Can, So Can We

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !