व्यापमं घोटाला: मेडिकल सीट बेचने के मामले में मंदसौर कलेक्ट्रेट का बाबू हिरासत में

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कमलेश सारड़ा/नीमच। मन्दसौर कलेक्ट्रेट विभाग में पदस्थ बाबू को दो दिन पूर्व राजस्थान के राजसमंद जिले की पुलिस उठा ले गई थी। बाबू को सोमवार शाम उस समय राजस्थान पुलिस लेने आईं, जब वो ऑफिस में काम कर रहा था। हालांकि पुलिस ने बकायदा मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्रकुमार सिंह को भी मामले की जानकारी दी। मामला मेडिकल कॉलेज में सीट दिलाने के नाम पर कांकरोली राजस्थान निवासी युवक से 25 लाख के लेन-देन का बताया जा रहा है।  बकायदा इस मामले में कांकरोली पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है। 

कलेक्टर मंदसौर ने बताया कि विशाल को अपने साथ ले जाने के लिए राजस्थान पुलिस आईं थी। राजस्थान पुलिस ने उन्हें इतना जरूर बताया था कि विशाल के तार किसी अपराधिक मामले से जुड़े है, सो उससे पूछताछ करना है। इसके बाद मैंने विशाल को सहयोग के लिए कहकर उसे ले जाने की अनुमति दे दी। इसके बाद क्या हुआ मुझे जानकारी नही है। 

जबकि इसके बाद से दो दिन तक विशाल से किसी का कोई संपर्क नही हो पाया। अधीक्षक श्री बामनिया के अनुसार बुधवार को विशाल का उनके पास मोबाईल आया, और उसने बताया कि वो बुधवार रात तक मंदसौर पहुंच जाएगा। इससे पहले सोमवार शाम करीब 4 बजे कांकरोली थाने में पदस्थ एसआई तेजकरणसिंह चारण के नेतृत्व में तीन सदस्यीय दल मंदसौर पहुंचा था। 

कलेक्ट्रेट कार्यालय में जब प्रतिदिन के अनुसार विशाल पिता राजेन्द्र जैन अपनी सीट पर काम कर रहे थे, तो दल ने उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ चलने के लिए कहा। इस पर अधीक्षक एम.एल बामनिया ने मामले में कलेक्टर से परमिशन लेने के लिए पुलिस दल को कहा। इसके बाद विशाल जैन को लेकर पुलिस दल कलेक्टर के पास पहुंचा। यहां कलेक्टर से परमिशन मिलने के बाद विशाल जैन को अपने साथ ले गया था। 

कौन है विशाल जैन 
विशाल पिता राजेन्द्र जैन निवासी मकान नंबर 102 तिलक नगर इंदौर, हालमुकाम मंदसौर कीटयानी डूप्लेक्स है। विशाल की अपने पिता राजेन्द्र जैन की मृत्यू के बाद 3 जुलाई 2013 को अनुकंपा नियुक्ति हुई थी। इसके बाद से विशाल मंदसौर कलेक्ट्रेट में आर.एम शाखा में पदस्थ है। बताया जाता है कि विशाल का दिमाग कलेक्ट्रेट में कम ही लगता था, वो अधिकांश समय मोबाईल पर बातों में ही गुजारता था। खैर वर्तमान में जो मामला सामने आया है, अभी अधिक्रत तौर पर विशाल के इसमें अपराधिक तौर पर शामिल होने की पुष्टी नही हुई है। विशाल खुद को मामले में फरियादी बताता रहा है।

20 लाख का चैक किसने दिया विशाल को!
सूत्रों की बात पर भरोसा करें तो विशाल का नाम जिस तरह से मेडिकल की सीट खरीदने-बैचने के मामले में आ रहा है, उसे देखकर ना सिर्फ कलेक्ट्रेट अधीक्षक से लेकर बाबु के बल्कि मामला सार्वजनिक होने पर आमजन के कान भी खड़े हो गए है। गौर करने वाली बात ये भी है कि वर्ष 2015 में विशाल को उसके नाम से किसी ने 20 लाख का चैक दिया था, लेकिन ये चेक कैश नही हो पाया था। विशाल ने माननीय भदोरिया वकील साहब के माध्यम से इसका अपराधिक केस भी लगवाया था, इसके बाद इस केस का क्या हुआ, खैर ये खोज का विषय है। 20 लाख का चेक किसी ने विशाल को क्यों और किसलिए दिया, ये भी चौंकाने वाला मामला है, जिसकी जानकारी अभी सार्वजनिक नही हुई है!

विशाल को पूछताछ के लिए उठाया
ये बात सही है कि मेडिकल कॉलेज में सीट के लेन-देन के मामले में विशाल से पूछताछ की जाना थी। इसलिए विशाल जैन को लाने के लिए थाने के एसआई तेजकरण चारण सहित तीन सदस्यीय दल मंदसौर भेजा था, वो अभी लौटा नही है, उसके लौटने पर इससे ज्यादा जानकारी दे पाउंगा।
लक्ष्मणराम विश्नोई, 
सीआई, थाना कांकरोली, राजस्थान

छुट्टी का आवेदन देकर गया विशाल
ये बात सही है कि सोमवार को विशाल को अपने साथ ले जाने के लिए राजस्थान के राजसमंद जिले की पुलिस आईं थी। कोई मेडिकल कॉलेज की सीट का मामला था। लेकिन इससे एक दिन पहले ही यानि 18 जुलाई को उसने बकायदा दो दिन की छुट्टी का आवेदन भी दिया था। 
एम.एल. बामनिया, 
अधीक्षक, कलेक्ट्रेट,मंदसौर

मैंने जांच में सहयोग की कहकर साथ भेजा
ये बात सही है कि राजस्थान के राजसमंद जिले की पुलिस को किसी अपराधिक प्रकरण में विशाल की आवश्यकता थी, सो सोमवार को वो मंदसौर आए थें। मैंने खुद विशाल को जांच में सहयोग करने की कहकर उनके साथ भेजा था। लोकल लेबल पर किसी मामले से विशाल का कोई लेना-देना नही है। रही बात छुट्टी लेकर जाने की तो, ये मैं दिखवाता हूं।
स्वतंत्रकुमार सिंह, 
कलेक्टर, मंदसौर
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