नईदिल्ली। खबर है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल सोमवार सुबह अमृतसर के स्वर्ण मंदिर गए और वहां 'सेवा' की। यहां उन्होंने लंगर हॉल में बर्तन साफ किए। विवाद यह है कि उन्होंने पहले से साफ बर्तनों को पानी से धोया और सेवा की नौटंकी की।
जानकारी के अनुसार, केजरीवाल ने आज तड़के श्री दरबार साहिब में माथा टेका तथा लंगर हाल में बर्तन साफ करने की सेवा की। उनके साथ संजय सिंह, सुच्चा सिंह, एच एस फुलका तथा कई अन्य नेता भी मौजूद थे। सभी ने लगभग 25 मिनट तक लंगर हाल में बर्तन साफ करने की सेवा की तथा श्री अकाल तख्त पर जाकर अरदास की और कड़ाह प्रसाद चढ़ाया। बताया जाता है कि केजरीवाल स्वर्ण मंदिर में भूलबक्श यानी माफी मांगने के लिए पहुंचे थे। धर्मग्रंथ के अपमान को लेकर उठे विवाद से पीछा छुड़ाने के लिए केजरीवाल स्वर्ण मंदिर पहुंचे थे लेकिन वहां वो बर्तन साफ करने को लेकर नए विवाद में घिर गये हैं।
केजरीवाल स्वर्ण मंदिर में सेवा देने पहुंचे थे। दरअसल सेवा देने के लिए केजरीवाल ने जिन बर्तनों को साफ किया असल में वो पहले से ही साफ बर्तन थे। साफ बर्तन को ही साफ करके केजरीवाल भूल की माफी के लिए अपनी सेवा दे रहे थे। केजरीवाल की इस सेवा ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। सेवा करने के बाद हरमिंदर साहब से बाहर निकलकर केजरीवाल ने घोषणापत्र में हुई गलती के लिए माफी मांगी और कहा कि उनसे अनजाने में ये गलती हुई थी।