
यात्रा रोकने को लेकर प्रशासन कोई खुलासा नहीं कर रहा है। यात्रा रोकने का कारण घाटी में खराब हालात बताए जा रहे हैं। यात्रा रोकने संबंधी शाम तक स्थिति साफ नहीं हो पाई थी। इस पर प्रशासन खुल कर बात नहीं कर रहा है। जम्मू के आधार शिविर यात्री निवास में यात्री बसों की टिकटें वापस कर रहे हैं। कई यात्री तो बिना यात्रा किए लौट चुके हैं। तेलंगाना से आए राज कुमार ने बताया कि उन्होंने मार्च में एडवांस में यात्रा के लिए पंजीकरण करवाया था। वह 8 जुलाई को यात्रा के लिए निकले थे।
बुधवार को उन्हें रामबन में पुलिस ने रोक दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस यात्रियों को सहयोग नहीं कर रही है। उन्हें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी जा रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार की ओर से जिस प्रकार से यात्रियों को सुविधा देने की बात की जा रही थी, वह हकीकत से उलट है। उन्होंने बताया कि बहुत से यात्री रामबन से लौट कर यात्री निवास पहुंचे। यहां पर उन्हें आज यात्रा शुरू होने पर भेजने की बात कही गई, जिसके चलते उन्होंने सरकारी बस का टिकट लिया, लेकिन दोपहर में अचानक यात्रा स्थगित होने की घोषणा कर दी गई।
इसके कारण उनके जैसे सैंकड़ों यात्री यहां फंसे हुए हैं। अब बार-बार अप-डाऊन करने से परेशान होकर उन्होंने वापस लौटना ही मुनासिब समझा। इस तरह कई यात्रियों ने जम्मू से बसों की टिकटें रद्द करवाईं और अपने घरों को लौट गए। निदेशक पर्यटन विभाग सुषमा चौहान ने बताया कि यात्रा रोकने का निर्णय जिला प्रशासन ने लिया है।