सागर यूनिवर्सिटी की डिग्रियां फर्जी ?

सागर। डॉ. हरि सिंह गौर यूनिवर्सिटी में बीए-बीएड एवं बीएससी-बीएड के डिग्री कोर्स संचालित हैं परंतु पता चला है कि इन्हें NCTE मान्यता ही प्राप्त नहीं है। 2012-13 से शुरू हुआ कोर्स अब समाप्त होने वाला है। छात्रों को डिग्रियां भी मिल जाएंगी, लेकिन सवाल यह है कि क्या ये डिग्रियां फर्जी होंगी। NCTE की मान्यता के बिना इनकी कीमत रद्दी से ज्यादा क्या होगी। 

शैक्षणिक सत्र 2012-13 के लिए डॉ. हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय ने बीए-बीएड एवं बीएससी-बीएड 4 सालाना इंटीग्रेटेड कोर्स शुरू किये और प्रवेश के लिए विज्ञापन जारी किया फिर प्रवेश परीक्षा ली गयी। इसमें 60 बच्चो ने प्रवेश लिया। वर्ष 2014-15 में छात्रों को आरटीआई के माध्यम से पता चला की विश्वविद्यालय द्वारा संचालित ये कोर्स जिसमे वो अध्यनरत है इसकी मान्यता NCTE (नेशनल कौंसिल ऑफ़ टीचर एजुकेशन) से है ही नहीं।

छात्रो ने जब विश्वविद्यालय अधिकारियों से मान्यता सम्बंधित सवाल किया तो उन्होंने पहले इस बात को नकार दिया पर जब ये खबर स्थानीय मीडिया में आई और छात्रों ने केंद्रीय कार्यालय में हंगामा किया तब जाकर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी गलती मानी। तब तत्कालीन प्रभारी कुलपति द्वारा ये भरोसा दिया गया की छात्र परेशान ना हों विवि कोर्स की मान्यता के सम्बन्ध में उचित कार्यवाही करेगा।

जब 6 महीनो तक कुछ नही हुआ तब छात्रो ने पुनः केंद्रीय कार्यालय का रुख किया वह नवागत कुलपति प्रो आर पी तिवारी द्वारा उन्हें बताया गया की विवि ने सम्बंधित विभागों को चिट्ठी लिखी है जल्दी ही निराकरण निकलेगा। कोर्स समाप्त होता देख छात्रो के सभी अभिभावक कुलपति से मिलने पहुचे तब भी कुलपति जी ने सिर्फ भरोसा ही दिया की जल्दी ही मामला निपटा लिया जाएगा। कोर्स समाप्त होने एवं कुछ ना होता देख अब बच्चो ने विश्वविद्यालय को कानूनी नोटिस भेज है और हाई कोर्ट जाने की तयारी में है।

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