
इनके द्वारा पहले भी अध्यापको के आर्डर में विसंगती उत्पन्न की जाती रही है। सरकार का इतना बडा फेलियर और उसके बाद भी श्री धोटे जी जैसे अधिकारी 15 सालों से उसी विभाग में जमें हुए है। श्रीमान एस.बी धोटे जी उप संचालक का जल्दी ही स्थानानतरण नही किया गया तो इनके खिलाफ डीपीआई का घेराव संयुक्त मोर्चा करेगा। इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
श्री धोटे जी और वित्त के अधिकारियो ने ऐसी वेतन विसंगती के आर्डर जारी किये कि जिससे अध्यापकों का वेतन बढने के बजाए कम हो गया। मै मोर्चा की और से यह पूछना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री जी द्वारा 1125 करोड रू.अधयापको को देने की बात कही गई है। उसका ही वित्त विभाग कैलकुलेशन जारी कर दे। यदि वाकई में मुखयमंत्री द्वारा अध्यापको को छठवें वेतन मान के रूप में 1125 करोड रू.दिये है तो वेतन बढने, कम कैसे हो रहा है?