
सुरजेवाला ने आगे कहा कि यह टेलीकॉम घोटाला 45 हजार करोड़ का है और इसके माध्यम से मोदी सरकार के इंटस्ट्रीयलिस्ट दोस्तों का मदद की गई है। मोदी सरकार द्वारा 6 टेलीकॉम कंपनियों को जुर्माना ना भरवाकर बचाया गया है। सुरजेवाला ने पूछा कि अब क्यों मोदी सरकार पैसे की वसूली रोकने की बजाय कैग कैग के निष्कर्षों को कायम नहीं रख रही।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'सरकार 45 हजार करोड़ के इस घोटाले को छुपाने की कोशिश कर रही है। यह घोटाला मनरेगा के कुल बजट से भी ज्यादा है। सरकार को स्पेक्ट्रम नीलामी का फायदा नहीं मिला। जिन छह कंपनियों को इसका लाभ मिला उन्होंने अपनी आय को कम बताकर लाभ कमाया। मोदी सरकार ने कंपनियों को बेलआउट पैकेज दिया।