व्यापमं की तर्ज पर कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में भी घोटाला शुरू, 2 दबोचे

भोपाल। व्यापमं घोटाले पर देशव्यापी हंगामा हो गया। सैंकड़ों जेल गए। सरकार ने व्यापमं का नाम बदल दिया परंतु परीक्षाओं में साल्वर्स को भेजने का सिलसिला लगातार जारी है। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा-2016 की ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होने से पहले ही दो फर्जी उम्मीदवारों को ऑब्जर्वर ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में पुलिस को पता चला कि परीक्षा में बैठने के लिए सॉल्वर से 80 हजार रुपए में सौदा तय हुआ था जिसमें वह 12 हजार रुपए एडवांस भी ले चुका था। कुल मिलाकर इस परीक्षा में भी घोटाला जारी है। आॅब्जर्वर्स की सक्रियता से 2 पकड़ लिए गए, लेकिन जहां ऑब्जर्वर लापरवाह या फिक्स हो गया हो वहां...। 

नेम सिंह - मौसेरे भाई की जगह परीक्षा देने पहुंचा 
सागर इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी से ग्राम जिंदपुर, आगरा निवासी 35 वर्षीय नेम सिंह को पकड़ा था। उसका बायो मेट्रिक्स में थंब इम्प्रेशन नहीं मिल रहा था। जब उसका थंब देखा तो उसमें फेवीक्विक लगा हुआ था। सख्ती से पूछताछ में उसने बता दिया कि वह अपने मौसेरे भाई अनिल सिंह जाट (20) की जगह परीक्षा देने आया था। अनिल सिंह मूलत: ग्राम रिठौरी, आगरा का रहने वाला है। पुलिस ने नेम सिंह के साथ अनिल सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया है। 

प्रवीण कटियार- मोहन सिंह बनकर आया 
अयोध्या बायपास स्थित एसआईआरटीई काॅलेज सेंटर पर प्रवीण कटियार (26) परीक्षा देने पहुंचा था। यहां प्रवेश पत्र और आवेदन फॉर्म में फोटो अलग-अलग थीं। जब ऑब्जर्वर ने पूछताछ की तो वह सच ज्यादा देर छिपा नहीं सका। मूलत: भोगचीपुर, कानपुर निवासी प्रवीण की मुलाकात ग्वालियर में एक दलाल से हुई थी। उसने प्रवीण को नूराबाद, मुरैना निवासी मोहन सिंह मेकाड़ी की जगह परीक्षा में शामिल होने के लिए तैयार किया था। उससे 80 हजार रुपए में सौदा तय हुआ था। 

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