10 साल तक अनुकंपा नियुक्ति ना देना शर्मनाक: हाईकोर्ट | Compassionate appointment

इंदौर। अनुकंपा नियुक्ति के मामले में हाई कोर्ट ने बिजली कंपनी की कार्यप्रणाली के खिलाफ टिप्पणी की है कि 10 साल तक नियुक्ति के आवेदन पर विचार नहीं करना, छोटी सी नौकरी के लिए आवेदक को परेशान करना शर्मनाक है। कोर्ट ने आदेश दिए कि चार महीने में आवेदक को नियुक्ति देकर सूचित किया जाए।

याचिकाकर्ता किशन बौरासी ने पिता की मृत्यु के बाद बिजली कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए 2005-06 में आवेदन दिया था। बिजली कंपनी ने उसके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया। इस पर बौरासी ने अधिवक्ता मनीष यादव के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने बिजली कंपनी को नोटिस देकर जवाब मांगा था। बिजली कंपनी की तरफ से जवाब में लिखा गया कि नियमानुसार अनुकंपा नियुक्ति केवल उन मामलों में दी जाती है जिनमें कर्मचारी की मौत फील्ड पर काम करने के दौरान हुई। 

इस पर याचिकाकर्ता ने प्रति उत्तर में जवाब दिया कि बिजली कंपनी हाई कोर्ट को अधूरे नियम बता रही है। नियम में यह लिखा है कि फील्ड पर ड्यूटी के दौरान मौत पर तत्काल नियुक्ति दी जाए, लेकिन फील्ड से इतर कर्मचारी की मौत होती है तो उसके आवेदन पर भी विचार किया जाए। जस्टिस एससी शर्मा ने दोनों पक्ष सुनने के बाद बिजली कंपनी को आदेश दिए कि आवेदक को नौकरी दी जाए।
If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!