भोपाल। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत पहली बार आयोजित परीक्षा का रिजल्ट बिगड़ने से नाराज इंजीनियरिंग छात्रों ने गुरुवार को प्रदर्शन किया। अभाविप के नेतृत्व में करीब 200 छात्र पुनर्मूल्यांकन कराने और परीक्षा नियंत्रक डॉ. मोहन सेन को हटाने की मांग लेकर दो घंटे तक विवि परिसर में नारेबाजी करते रहे। इस दौरान साढ़े पांच घंटे पुलिस बल यहां तैनात रहा। छात्रों के हंगामे से पांच घंटे तक विवि में कामकाज ठप रहा। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने प्रशासनिक भवन के सभी गेट पर ताले लगा दिए। प्रभारी कुलपति प्रो. एससी चौबे के आश्वासन के बाद छात्रों ने विरोध प्रदर्शन बंद किया।
प्रदर्शन के लिए छात्र सुबह 11 बजे से ही मेनगेट पर जमा हो गए थे। एक बजे रैली निकालकर प्रशासनिक भवन की ओर रवाना हुए। आरजीपीवी ने नए सिस्टम के तहत थ्योरी व प्रेक्टिकल परीक्षा आयोजित की थी। ज्यादातर विषयों का रिजल्ट खराब रहा है। केमेस्ट्री में 42.8%, गणित-1 में 45.57%, फिजिक्स में 26.63% और इंजीनियरिंग ग्राफिक्स में 45.84% छात्र फेल रहे हैं। बीई के ऑनलाइन प्रेक्टिकल में 3000 छात्र फेल रहे हैं। उधर, विवि के प्रभारी कुलपति प्रो. एससी चौबे के अनुसार मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर सीबीसीएस पूरे देश में लागू किया जा रहा है। परीक्षाएं पारदर्शी हों इसके लिए ही ऑनलाइन प्रणाली अपनाई जा रही है। छात्र की मांग पर विवि राज्य सरकार से मशविरा करेगा।
गलत मूल्यांकन किया गया
छात्रों ने परीक्षा नियंत्रक की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। कॉपियों के गलत मूल्यांकन का भी आरोप लगाया। चैलेंज के रिजल्ट में काफी गड़बड़ी की बात कही जा रही है। छात्रों का कहना है कि कॉपियों का आधा मूल्यांकन करके ही अंक दिए गए हैं। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एबीवीपी मध्य भारत के प्रांत तकनीकी प्रमुख अंकित गर्ग का कहना है कि यदि विवि सात दिन के अंदर मांगों का निराकरण नहीं करता है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।