Phoenix TownShip: 2303 प्लॉट थे, 2440 बेच दिए

Bhopal Samachar
इंदौर। फीनिक्स टाउनशिप में चंपू, चिराग और उनके साथियों द्वारा की गई धोखाधड़ी टीएंडसीपी और कलेक्टोरेट में पदस्थ तत्कालीन एसडीएम और वर्तमान एसडीएम के कार्यकाल में होने की बात सामने आ रही है। इनकी मदद से चंपू ने कैलोद हाला में 101 एकड़ से अधिक जमीन पर फीनिक्स टाउनशिप बनाई और टीएंडसीपी से एक ही तारीख (31 अक्टूबर 2007) में तीन नक्शे पास कराए। मंजूर नक्शों के मुताबिक इसमें 2303 प्लॉट हैं लेकिन यहां 2440 प्लॉट बेच दिए। साथ ही टाउनशिप में विकास कार्य कराए बिना प्रशासन से मिलकर बंधक प्लॉट छुड़वा लिए।

चंपू ने उन किसानों की जमीन पर भी प्लॉट काटकर बेच दिए जिसकी अब तक रजिस्ट्री ही नहीं हुई है। ये प्लॉट उस जमीन पर भी है जो नक्शों में शामिल ही नहीं है। टीएंडसीपी ने सैटेलाइट इन्फ्रा एंड रियल इस्टेट प्रालि के नाम से नक्शे पास किए जिसमें डायरेक्टर के रूप में चिराग का नाम है। बाद में चंपू ने फीनिक्स देवकॉन प्रालि के नाम से अन्य कंपनी बनाकर यह टाउनशिप उसमें शामिल कर ली।

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T&CP ने बिना रजिस्ट्री कैसे पास कर दिए नक्शे
टीएंडसीपी ने 2007 में सैटेलाइट इन्फ्रा के नाम से फीनिक्स टाउनशिप के तीन नक्शे एक ही दिन पास किए गए, जबकि इनके लिए आवेदन अलग-अलग समय में किए गए। इनमें से कुछ किसानों ने कंपनी को जमीन की रजिस्ट्री भी नहीं की थी।

गड़बड़ी
टाउनशिप की जमीन रेलवे क्रॉसिंग और रेलवे लाइन से लगी है। यहां से हाईटेंशन लाइन भी गुजर रही है। 100 एकड़ से अधिक की जमीन का नक्शा एक साथ मंजूर होने में तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए चंपू और चिराग ने इसे तीन भागों में पास कराया। इसमें टीएंडसीपी के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत का पूरा अंदेशा है।

जिम्मेदार
इस अवधि में टीएंडसीपी में संयुक्त संचालक विजय सांवलकर थे। जब्त कागजों पर कई जगह संयुक्त संचालक के हस्ताक्षर होने की बात प्रारंभिक जांच में सामने आई है। इस संबंध में सांवलकर से उनके दोनों मोबाइल नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गई। मैसेज भी किया गया, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं आया।

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विकास हुआ नहीं, बंधक प्लॉट कैसे छोड़ दिए
टाउनशिप के नक्शे की मंजूरी मिलने के बाद इसमें एसडीएम ने विकास की अनुमति दी थी। साथ ही यहां के 25 प्रतिशत प्लॉट बंधक रखे गए थे। इसके लिए बैंक गारंटी जमा कराई गई थी। टाउनशिप में आज तक विकास कार्य पूरे नहीं हो पाए। तत्कालीन एसडीएम विवेक श्रोत्रिय के कार्यकाल के दौरान ही फीनिक्स के बंधक प्लॉट मुक्त कर दिए गए।
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