
सागर प्रजापति इंदौर के राजेंद्र नगर स्थित आईपीएस कॉलेज के पहले सेमेस्टर के टॉपर छात्र था। वह मूलत: राजगढ़ (ब्यावरा) का रहने वाला था और सिविल इंजीनियरिंग (प्रथम वर्ष) की पढ़ाई कर रहा था। उसके कमरे से 14 पेज का सुसाइड नोट मिला है। उसके पिता पिता रामदयाल 15 साल पहले परिवार को छोड़ चुके हैं। जूनी इंदौर पुलिस के अनुसार बैराठी कॉलोनी निवासी सागर प्रजापति (21) ने शुक्रवार सुबह करीब 9 बजे फांसी लगा ली। मकान मालिक का बेटा शुभम जब वह सागर के लिए नाश्ता लेकर पहुंचा, तब दरवाजा भीतर से बंद था। खिड़की से झांका, तो सागर फंदे पर झूल रहा था। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। शुभम के मुताबिक सागर होनहार लड़का था।
84 प्रतिशत के बाद भी खुश क्यों नहीं था
फर्स्ट सेमेस्टर में वह 84 प्रतिशत अंक पाकर टॉपर बना था। वह थोड़ा बीमार था, इसलिए उसकी मां ने हमें फोन पर ख्याल रखने को कहा था। सुबह 8.30 बजे सागर ने मां से बात भी की थी, तब वह सामान्य लग रहा था। वह सिरदर्द से काफी परेशान रहता था। उसने डॉक्टर से कहा था कि उसके भीतर इतनी नकारात्मकता आ चुकी है कि 84 प्रतिशत अंक लाकर भी खुश नहीं है। काफी त्रस्त हो चुका है, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारी भी निभाना है।
मां बोली, बस एक बार बता देता
मां नीरू राजगढ़ में शिक्षक है। छोटा भाई प्रशांत भी पढ़ाई कर रहा है। जिला अस्पताल में बेटे का शव देख वह फूट पड़ी। बोली- काफी संघर्ष कर तुझे पाला। एक बार परेशानी बता देता तो यह दिन नहीं देखना पड़ता।
इंजीनियर बनना चाहता था
वह अक्सर कहता था- तू तीन साल बाद इंजीनियर की मां कहलाएगी, लेकिन मां के सपनों को अधूरा छोड़कर चला गया। साथियों के मुताबिक सुसाइड नोट देखकर ऐसा लगता है कि वह कई दिन से इसे लिख रहा होगा, लेकिन यह तनाव पढ़ाई का बोझ तो कतई नहीं था। वो उत्साहित था और मन लगाकर पढ़ रहा था। सवाल यह है कि तनाव क्या था। पुलिस इस मामले में क्या छुपा रही है।