भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने पीएचई मंत्री कुसुम मेहदेले द्वारा सतपुडा भवन के र्जजर होने एवं कर्मचारियों को पर्याप्त रोशनी एवं आक्सीजन न मिलने के कारण पीएचई विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों को विभाग के नये भवन में शिफ्ट करने संबंधी दिये गये बयान का स्वागत करते हुए कर्मचारियों की चिंता करने के लिये मंत्री का अभार माना है।
लक्ष्मीनारायण शर्मा ने कहा कि सतपुडा भवन वर्ष 1982 में बन कर तैयार हुआ और इसे लगभग 34 वर्ष हो गये है। भवन में जगह जगह से दरारें आ गई है तथा लगा हुआ सीमेंट भरभरा कर गिर रहा है तथा भवन में लगे लोहे में जंग लग गई है। पिछले वर्ष सतपुडा भवन में 2-3 बार भूकम्प के झटके भी महसूस किये गये तथा भवन गिरने के डर से अधिकारी कर्मचारी बाहर निकल गये थे। भवन में रिनोवेशन के नाम पर लाखों रूपये खर्च कर भवन के मूल स्वरूप के साथ छेडछाड की गई है। टायल्स एवं अन्य भारी मटेरियल लगा देने से भवन पर लोड बहुत अधिक हो गया है तथा भवन के क्षतिग्रस्त होने का भय अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हमेशा बना रहता है।
भवन की देखरेख एवं मरम्मत का जिम्मा राजधानी परियोजना प्रशासन का है परन्तु राजधानी परियोजना प्रशासन की उदासीनता के चलते बिना तकनीकी देखभाल के निजी ठेकेदारों से निर्माण कार्य करवाकर जिम्मेदार अधिकारी अपनी जेबे भर रहे है।
मध्यप्रदेष तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अरूण द्विवेदी, लक्ष्मीनारायण शर्मा, योगेन्द्र दुवे, अरविंद राजपूत, उमेश राठौर, रविकांत बरोलिया, दीपक सुराना, प्रमोद तिवारी, सुधीर नेमा, सोहनदास शर्मा, फूलेन्द्र बहादुर सिंह, आरती बोरबन,सुनीता पटेल, अनिता रैकवार, आदि ने मुख्य मंत्री से मांग की है कि प्रदेष की वरिष्ठ पी.एच.ई. मंत्री सुश्री कुसुम मेहदेले के बयान को गंभीरता से लिया जाये तथा सतपुडा भवन में 12 विभागाध्यक्ष कार्यालय में कार्यरत लगभग 2500 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुरक्षा प्रदान की जायें एवं उनके लिये पर्याप्त प्रकाश, आक्सीजन एवं शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था की जायें ।