
कैदी वीरू के परिजन अंकित श्रीवास ने बताया कि, जेल में उन्हें दिए जाने वाले खाने की क्वालिटी खराब है और सुरक्षा में तैनात पुलिस कर्मी उन तक सामान पहुंचाने के एवज में पैसे मांगते हैं। जब तक उन्हें पैसे नहीं मिलते, तब तक वह कैदियों को सामान नहीं देते हैं।
इस मामले की शिकायत कई बार कैदियों ने जेल प्रशासन से सामूहिक रूप से की है। इसके बावजूद कैदियों की समस्या को जेल प्रशासन ने अनसुना कर दिया और यही वजह है कि जेल प्रशासन की मनमानी से नाराज़ होकर सेंट्रल जेल की छोटी और बड़ी गोल में बंद कैदियों ने सामूहिक रूप से अनशन शुरू कर दिया है।
हालांकि, बंदियों के अनशन करने की बात से जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने साफ इंकार कर दिया है। उनका कहना है जेल में कोई भी बंदी अनशन नहीं कर रहा है। वहीं, कैदियों तक परिजनों का सामान पहुंचाने के लिए सुरक्षा के मद्देनजर सामान की तलाशी ली जाती है, जिसके कारण कैदियों तक देर में पहुंच पाता है।