छत्तीसगढ़ में भी उठी प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने की मांग

रायपुर। राज्य के सभी शासकीय विभागों में पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करते हुए योग्यता एवं वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति करने की मांग सर्व ब्राह्मण समाज ने की है। इस संबंध में सर्व ब्राह्मण समाज ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। 

सौंपे गए ज्ञापन में सर्व ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष सत्येंद्र तिवारी ने बताया कि शासकीय सेवाओं में आरक्षण के विषय में सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली के निर्णयानुसार राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार एवं गुजरात के बाद 8 अप्रैल को उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश जबलपुर ने भी शासकीय विभागों में पदोन्नति में आरक्षण दिए जाने को न्याय संगत नहीं माना है। इस फैसले में मुख्य न्यायाधीश के प्रिसिंपल बेंच ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 एवं 835 के साथ ही साथ सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एम नागराज के मामले में दिए गए निर्देशों के परिपेक्ष्य में मध्यप्रदेश शासन की पदोन्नति में आरक्षण नीति को अवैध करार दिया है। 

छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद मध्यप्रदेश के निर्णयों को यथावत यहां भी लागू किया गया है। ऐसी स्थिति में मध्यप्रदेश की पदोन्नति नीति यहां लागू है। इसके कारण सामान्य वर्ग के शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी द्वारा 30-32 साल की शासकीय सेवा पूर्ण करने के बाद भी पदोन्नति से वंचित हैं। इससे उनके परिवार के लोगों का मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। सर्व ब्राम्हण समाज ने इस दिशा निर्देशों के अनुसार छत्तीसगढ़ के सभी शासकीय विभागों में भी पदोन्नति में आरक्षण को समाप्त करने मांग की है। ज्ञापन सौंपने वालों में संरक्षक आलोक दुबे, देवेश शुक्ला, विवेक दुबे, नवीन तिवारी, हेमंत तिवारी, विजय तिवारी, पीयूष त्रिपाठी, कैलाश मिश्रा आदि मौजूद थे। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन साैंपते हुए। 

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