
याचिकाकर्ता की ओर से दलील दी है कि राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में एक सर्कुलर जारी कर हर वर्ष टीईटी आयोजित करने की बात कही थी लेकिन केवल वर्ष 2011 में ही इसका आयोजन किया गया। सरकार अपने सर्कुलर पर अमल नहीं कर रही है। इस पर कोर्ट ने शिक्षा विभाग के प्रधान सचिन को 27 जून को उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
गौरतलब है कि सीबीएसई सीटेट परीक्षा हरेक साल में दो बार आयोजित करती है लेकिन बिहार में टेट एग्जाम का आयोनज सिर्फ एक बार किया गया है। इससे स्टूडेंट्स का भारी नुकसान हो रहा है।