जिंदगी भर जूते चप्पल सिले, बेटे को बनाया डिप्टी कलेक्टर

नीमच। मां की ममतामयी कहानियों से किताबें भरी पड़ीं हैं परंतु बच्चों के लिए पिता के त्याग की कथाएं बहुत कम सुनने को मिलतीं हैं। यह कहानी एक पिता के त्याग की कहानी है। वो जिंदगी भर जूते चप्पल रिपेयरिंग करता रहा, परंतु बेटों को हायर एज्यूकेशन दिलाई। नतीजा एक बेटा डिप्टी कलेक्टर बन गया तो दूसरा बेटा सिविल कांट्रेक्टर है। 

अब पिता की मृत्यु पर बेटों ने लोक हितकारी ट्रस्ट बनाया है। जावद की सराफा बाजार की रेन वाली गली में जूता-चप्पल रिपेयरिंग की एक छोटी-सी दुकान थी। मात्र चौथी तक पढ़े इंदरमल जटिया ने गरीबी के हालात से लड़ते हुए बेटों को अच्छी तरह शिक्षित किया।

इसी परिश्रम का नतीजा है कि बड़े बेटे जगदीश जटिया ने एमए, एलएलबी, एमकॉम किया। गोल्ड मेडलिस्ट होकर पीएचडी तक शिक्षा हासिल की। 1992 में डिप्टी कलेक्टर चयनित हुए। वर्तमान में दमोह जिला पंचायत में सीईओ के पद पर कार्यरत है, जबकि जटिया के छोटे बेटे मुकेश ने भी एमए, एलएलबी तक शिक्षा प्राप्त की। वर्तमान में मुकेश प्रॉपर्टी ब्रोकर्स व सिविल कांट्रेक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। 

कुछ दिनों पूर्व इंदरमल जटिया का 81वर्ष की आयु में निधन हुआ तो बेटों ने मृत्यु भोज कराने की बजाय पिता के नाम पर श्री इंदरमल जटिया परमार्थ ट्रस्ट का निर्माण कर दिया। इस ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर में ध्वनि विस्तारक यंत्र, सिंहस्थ में भंडारे का आयोजन किया गया। रामपुरा दरवाजा स्थित श्मशान घाट में 34/38 फीट का शेड बनाया जा रहा है। गौशाला की व्यवस्था में भी सहयोग कर रहे हैं।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!