प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ राजधानी में जुटे मप्र के कर्मचारी नेता

भोपाल। आज दिनांक 11.06.2016 को सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग अधिकारी/कर्मचारी वर्ग संस्था द्वारा ‘सदबुद्धि यज्ञ’ एवं इसके पश्चात प्राँतीय अधिवेशन भोपाल में आयोजित किया गया। प्रांतीय अधिवेशन में आये प्रदेश के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधियों द्वारा सर्व प्रथम न्याय के पक्ष मे कार्यवाही किये जान हेतु आयोजित सदबुद्धि यज्ञ में आहूती दी।

सामान्य पिछड़ा एवं अल्प संख्यक वर्ग अधिकारी/कर्मचारी वर्ग अब उनके वाजिब अधिकारों के प्रतिजागरूक हो चुका है। यह इस अधिवेशन में आये सभी प्रतिनिधियों की भावनाओं से स्पष्ट हुआ। प्रांतीय अधिवेशन श्रीराजेन्द्र सिंह बघेल सेवानिवृत्त जिला जज के मुख्य आतिथ्य में विभिन्न सामाजों से पधारे सम्मानीय पदाधिकारियों के उपस्थिति एवं मार्गदर्शन में प्रारंभ हुआ। 

मुख्य अतिथि द्वारा संविधान में प्रदत्त आरक्षण के प्रावधानों को विस्तृत रूप से बताया गया तथा यह स्पष्ट किया गया कि म0प्र0 शासन के बनाये वर्तमान पदोन्नति नियम 2002 पूरी तरह संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत है एवं ऐसे नियमों से एक बड़ेवर्ग के जायज अधिकारों का हनन हुआ है एवं राज्य शासन द्वारा उच्चन्यायालय के निर्णय के बाद ही कार्यवाही प्रारंभ कर दी जानी चाहिये थी उच्चतम न्यायालय में राज्य शासन जाने से निर्णय पर किसी भी प्रकार का फर्क आने की संभावना नगण्य है मात्र निर्णय को लागू करने में विलंब ही होगा।

विभिन्न कर्मचारी एवं सामाजिक संगठनों के उपस्थिति प्रतिनिधियों ने भी अपने उद्बोधन में शासन द्वारा की गयी कार्यवाही पर असंतोष व्यक्त किया एवं यह कहा कि संभवता शासन वोट बैंक की राजनीति के कारण उच्चन्यायालय के निर्णय को लाग   नहीं कर रहा है।लेकिन शासन यह भूल रहा है कि अब सभी वर्ग अपने हित अहित पहचानते हैं एवं शासन के इस निर्णय के विरूद्ध सभी सामाजिक संगठन अधिकारियों कर्मचारियों के साथ है एवं शासन की आंखे खोलने के लिये उनकी ओर से हर संभव सहयोग संस्था से किया जावेगा।

अधिवेशन में उपस्थित विभिन्न अधिकारी/कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भी सहसंकल्प दोहराया कि पदोन्नति में आरक्षण के वर्तमान नियम पूरी तरह असंवैधानिक है एवं इस मुददे पर सभी संगठन संस्था के साथ है तथा एक साथ इस मुददे पर संघर्ष किया जावेगा।

विभिन्न जिलों से पधारे संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा अवगत कराया गया कि उनके जिले के स्तर पर भी व्यापक जनजागरूकता आ चुकी है एवं सभी जिलों में नीमच, दतिया, जबलपुर, रतलाम की हीतरह धरना/ प्रदर्शनों एवं रैलियों का आयोजन सभी जिलों में किया जावेगा एवं नियमों की असंवैधानिकता तथा बहुसंख्यक वर्ग को हो रही हानि के संबंध में जनजागरूकता चलायी जावेगी।

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