खेतों में बिखरी हुईं हैं सिंहस्थ की दवाएं

उज्जैन। आयुष विभाग ने जो आयुर्वेदिक दवा सिंहस्थ में मुफ्त देने के लिए भेजी थी। मेला खत्म होने के बाद जिम्मेदार उनमें से बड़ी संख्या में दवा वहीं छोड़ गए जबकि डॉक्टरों का कहना है कि जो आयुर्वेदिक दवा सप्लाय की गई थी, उनमें से अधिकांश दवा की कोई एक्सपायरी डेट नहीं है। खेत समतल कर रहे किसानों को बड़ी संख्या मेें इन दवा की बोतलें मिल रही हैं। जिला आयुष अधिकारी विनोद बैरागी का कहना है कि ऐसा मामला संज्ञान में नहीं आया है। कोई शिकायत करेगा तो सेक्टर के आधार पर कार्रवाई करेंगे। 

वैद्य वासुदेव काबरा ने बताया ऐसी कई आयुर्वेदिक दवाएं हैं जिनकी कोई एक्सपायरी डेट नहीं होती। वे किसी और के काम आ सकती थी। 

मेले में यह किया विभाग ने 
आयुष विभाग ने मेला परिसर के 6 जोन और 16 सेक्टरों में अस्थाई अस्पताल संचालित किए थे। आयुष चिकित्सा सेवा में आयुर्वेद, होम्योपैथी, युनानी के साथ-साथ योगा और सिद्धा के माध्यम से उपचार किया गया। आयुष चिकित्सा के 475 डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने मेले में सेवाएं दी थी। यह अमला मेला क्षेत्र के 13 आयुर्वेद, 2 होम्योपैथी, 1 युनानी औषधालय के अलावा चिमनगंज आयुर्वेद चिकित्सालय में सेवा दे रहा था। एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं का आयुष पद्धति से उपचार किया गया। 

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