आदिवासियों को घटिया चावल: वेयर हाउस से राजधानी तक सबकी मिलीभगत

राजेश शुक्ला/अनूपपुर। राजेन्द्रग्राम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में नागरिक आपूर्ति निगम की मिली भगत से क्षेत्र के गरीब आदिवासियों को खाद्यान्न वितरण के नाम पर घटिया किस्म का चावल दिया जा रहा है। इस बात की शिकायत तहसील से लेकर जिला तक की गई लेकिन आज तक इस पर लगाम नही पाई है। कारण मिल मालिकों व नागरिक आपूर्ति निगम के बीच आपसी सामंजस्य, जिसके कारण राइस मिलों से जो भी घटिया चावल आता है उसकी बिना जांच किए वेयर हाउस राजेन्द्रग्राम में रखवा दिया जाता है। वेयर हाउस द्वारा उक्त चावल को तुरंत लोड कराके सार्वजानिक वितरण प्रणाली दुकानों के लिए भेज दिया जाता है। इस प्रकार से तीनों मिलकर यहां के गरीब आदिवासियों का शोषण किया जा रहा है। 

इन मिल मालिको द्वारा चावल सप्लाई किया जाता है
राजेन्द्रग्राम वेयर हाउस में दिपेन्द्र राईस मिल वेंकटनगर राइस मिल्स, आयसा राइस मिल,द्वारा ही चावल सप्लाई का कार्य किया जाता है और ये तीनों मिल मालिकों की जिले से लेकर वेयर हाउस राजेन्द्रग्राम तक समझौता मिलीभगत से ही कार्य वर्षो से लगातार किया जा रहा है। जिसके कारण क्षेत्र के गरीब आदिवासी घटिया खंडा चावल खाने को मजबूर हैं।

खाद्य निरिक्षक व नागरिक आपूर्ति का बाबू बैठता है
वेयर हाउस राजेन्द्रग्राम में नागरिक आपूर्ति निगम का एक बाबू बैठता है जिसका प्रमुख कार्य यह होता है कि वह जो भी खाद्यान्न आता है, उसकी क्वालिटी की जांच कर उसे पास करता है लेकिन यहां पर सभी प्रकार के खाद्यान्न जिसमें चावल को आंख मूंदकर पास कर वेयर हाउस में रखवा दिया जाता है। खाद्य निरिक्षक की भी यहां पर पदस्थपना की गई है। वह भी चावल की गुणवत्ता नहीं जाँचता है। उनका कहना है कि बाबू गुणवत्ता की जांच के लिए बैठा है वही जांच करेगा।

SDM से की गई शिकायत
इन मिल मालिको द्वारा जो भी घटिया किस्म का खंडा चावल ट्रकों में लोड करके लाया गया, उस चावल का सेम्पल लेकर एसडीएम को भी दिखाया गया। कई बार उक्त चावल को उनके द्वारा वापस भी किया गया लेकिन इसके बावजूद घटिया खंडा चावल की सप्लाई आज तक बेझिझक जारी है। 7 जून 16 को वेंकटनगर राइस मिल्स का चावल रखा गया है जो घटिया खंडा युक्त है जिसका नमूना एसडीएम को भी दिया गया है। उन्होंने उक्त चावल को वापस करवाने की बात कही है। अगर कोई जनप्रतिनिधि या पत्रकार उक्त घटिया चावल के संबंध में जिला आपूर्ति खाद्य अधिकारी को जानकारी दी जाती है तो उनका यही कहना होता है कि हम जांच करवाकर उक्त चावल को रिजेक्ट कर देंगे। बाद में पता चला कि वही चावल सार्वजानिक वितरण प्रणाली की दुकानों मे भेज दिया गया है।

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