नईदिल्ली। इसे ठीक प्रकार से समझने की जरूरत है। भारत आज भी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, भारत आज भी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है परंतु अब भारत विकासशील देशों की लिस्ट में शामिल नहीं है। उसे लोअर मिडिल इनकम कैटेगरी में डाल दिया गया है। इस लिस्ट में भारत के साथ जांबिया, घाना, ग्वाटेमाला, पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे देश पहले से मौजूद हैं। सबसे बुरी बात यह है कि ब्रिक्स देशों में भारत को छोड़कर चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील अपर मिडिल इनकम श्रेणी में आते हैं।
अभी तक लो और मिडिल इनकम वाले देशों को विकासशील और हाई इनकम वाले देशों को विकसित देशों में गिना जाता रहा है। वर्ल्ड बैंक ने अर्थव्यवस्था के बंटवारें की श्रेणियों के नामों में परिर्वतन किया है। वर्ल्ड बैंक के डाटा साइंटिस्ट तारिक खोखर ने बताया, ”हमारे वर्ल्ड डवलपमेंट इंडिकेटर्स पब्लिकेशन में हमने लो और मिडिल इनकम वाले देशों को विकासशील देशों के साथ रखना बंद कर दिया है। विश्लेषणात्मक उद्देश्य से भारत को लोअर मिडिल इनकम अर्थव्यवस्था में रखा जा रहा है।
हमारे सामान्य कामकाज में हम विकासशील देश की टर्म को नहीं बदल रहे हैं। लेकिन जब स्पेशलाइज्ड डाटा देंगे तो देशों की सूक्ष्म श्रेणी का प्रयोग करेंगे।” वर्ल्ड बैंक की ओर से कहा गया है कि मलावी और मलेशिया दोनों विकासशील देशों में गिने जाते हैं। लेकिन अर्थव्यवस्था की दृष्टि से देखें तो मलावी का आंकड़ा 4.25 मिलियन डॉलर है जबकि मलेशिया का 338.1 बिलियन डॉलर है। नए बंटवारे के बाद अफगानिस्तान, नेपाल लो इनकम में आते हैं। रूस और सिंगापुर हाई इनकम नॉन ओईसीडी और अमेरिका हाई इनकम ओईसीडी कैटेगिरी में आता है। नई श्रेणियों को निर्धारण वर्ल्ड बैंक ने कई मानकों के आधार पर किया है। इनमें मातृ मृत्यु दर, व्यापार शुरू करने में लगने वाला समय, टैक्स कलेक्शन, स्टॉक मार्केट, बिजली उत्पादन और साफ-सफाई जैसे मानक शामिल हैं।