
20 अप्रैल की सुबह अंजनिया पुलिस चौकी इलाके गंगोरा गांव में खेत पर कामता प्रसाद का शव संदिग्ध परिस्थितियों में देखा गया था। पीएम रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अज्ञात आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज़ तो कर लिया, लेकिन करीब डेढ़ महीने गुजरने के बाद भी पुलिस इस हत्या की गुत्थी नहीं सुलझा सकी है।
ग्रामीणों का आरोप है कि अंजनिया चौकी प्रभारी अभिषेक उपाध्याय ने पूछताछ के बहाने लॉकअप में करंट लगा लगाकर बड़ी बेरहमी से प्रताड़ित किया है। इतना ही नहीं ग्रामीण गिरीश नंदा ने पुलिस पर टॉर्चर के दम पर कोरे कागज़ में दस्तखत करवाने का भी आरोप लगाया है।
हैरत की बात तो यह है कि पुलिस ने मृतक कामता के सगे भाई संतोष को भी टॉर्चर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
मृतक के परिजन और ग्रामीणों ने अंजनिया और बम्हनी पुलिस पर लापरवाही और टॉर्चर करने का आरोप लगाते हुए मामले की शिकायत एसपी, कलेक्टर और आईजी से की है। कामता हरदहा की हत्या की घटना से पूरे परिवार में दहशत और शोक व्याप्त है। वहीं, पुलिस मृतक के छोटे भाई पर ही शक करते हुए करंट के झटकों से खूब टॉर्चर किया। अपने बड़े भाई को खो चुका संतोष जब पुलिस की थर्ड डिग्री को याद करता है, तो सिहर उठता है।
संतोष के पड़ोसी दो भाई जिन्हें पुलिस अब तक संदेही मानकर टॉर्चर करते आई है, उनमें से एक ने तो रोज-रोज की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या की पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन समय रहते ग्रामीणों ने उसे रोक लिया।
एडिशनल एसपी ओंकार कलेश प्रताड़ना को तफ्तीश का हिस्सा बताकर दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस ने इस मामले की तह तक पहुंचने के लिए मृतक के परिजनों समेत गांव के करीब 60 लोगों से पूछताछ की है, लेकिन आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई।