
बताया गया कि अचानक दो सैकड़ा से अधिक लोग उल्टी-दस्त के शिकार हो गए। एक साथ सभी के बीमार होने से पूरे गांव में हड़कंप की स्थिति मच गई और इस बीमारी के चलते 40 वर्षीय भागवंती पति मुन्ना और 10 वर्षीय अनिल पिता कमलेश की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई।
ग्रामीण कैलाश इवने ने बताया कि, भीषण गर्मी पड़ने से गांव के सभी जलस्त्रोत सूख जाने के कारण पूरा गांव एकमात्र कुएं पर निर्भर हो गया है। इस कुएं से गांव में रहने वाले करीब 150 परिवार दैनिक उपयोग के अलावा पेयजल भी एकत्रित करते हैं। अचानक कुएं का पानी दूषित हो गया और यही पानी पीने से पूरा गांव उल्टी-दस्त की चपेट में आ गया।
स्वास्थ्य और पुलिस अमला सतर्क
इस संबंध में सीएमएचओ मोसेज का कहना है कि, देशी इलाज न कराए जाने को लेकर डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इस तरह का इलाज करते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ एफआईआर भी कराई जाएगी। उधर, एसआई एसआर दियावर ने बताया कि, तांत्रिकों और ओझाओं के जादू-टोना के इलाज के चलते पुलिस भी सक्रिय हो गई है। मामले की जांच भी की जा रही है। उपचार के लिए 3 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ के लगभग 15 कर्मचारियों सहित 30 स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया है, जो प्रत्येक घरों में पहुंचकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
अब पेयजल की एक बूंद भी नहीं
लेकिन सवाल अब भी शेष है कि जब गांव का एकमात्र कुआं ही जहरीला हो गया तो अब पेयजल कहां से लाएं। सरकार ने उसका प्रबंध अभी तक नहीं किया है।