गौर और सरताज की विदाई एक गहरी साजिश

केके मिश्रा/भोपाल। श्री शिवराज मंत्रिमंडल के आज हुए विस्तार में वरिष्ठतम मंत्री सर्वश्री बाबूलाल गौर और सरताज सिंह को अकारण मंत्री पद से हटाये जाना एक गहरी साजिश का हिस्सा है। यह प्रदेश की 57 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग आबादी और अल्पसंख्यक (सिक्ख) वर्ग का अपमान है। 

ज्ञानसिंह व कुसुम मेहदेले कौन सी युवा हैं
क्या उक्त दोनों उम्रदराज, किंतु अनुभवी और ईमानदार कहे जाने वाले मंत्रियों को भ्रष्ट और बेईमान नहीं होने की सजा दी गई है? यदि उम्रदराजी होना मापदंड रहा है, तो उम्रदराज मंत्रीगण श्री ज्ञानसिंह व सुश्री कुसुम मेहदेले कौन से युवा हैं? यही नहीं भ्रष्टाचार के मामले में जांचोपरांत इस्तीफा देने वाले श्री ओमप्रकाश धुर्वे को किस मजबूरी के तहत विस्तारित मंत्रिमंडल में शामिल किया गया? यही नहीं कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुये राज्य मंत्री पद की शपथ लेने वाले खनिज व्यवसायी श्री संजय पाठक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के किस एकात्मवाद के प्रतीक चिन्ह हैं?    

जिन्होंने भाजपा को मजबूत किया, उन्हे ही भगा दिया 
यूं तो मंत्रिमंडल के गठन, विस्तार और मंत्रियों को शामिल किये जाने अथवा हटाये जाने का विशेषाधिकार मुख्यमंत्री का ही होता है, किन्तु राजनैतिक जीवन में सच बोलने के कारण सरकार के मुखिया की आंखों की किरकिरी बन चुके ऐसे अनुभवी मंत्रियों को, जिन्होंने आधी सदी से भी अधिक न केवल अपनी बेदाग राजनैतिक जीवन शैली जी कर केंद्र में काबिज यूपीए सरकार के मंत्रियों से अधिकाधिक धनराशि लाकर प्रदेश की प्रगति और विकास का मार्ग प्रशस्त किया हो, अपनी जीत के सर्वाधिक आंकड़ों से प्रदेश में राजनैतिक कीर्तिमान स्थापित किया हो, उम्रदराजी के बहाने अपमानजनक ढंग से हटाया जाना कथित रूप से ‘‘पार्टी विद ए डिफरेंस’’ कहे जाने वाली पार्टी के किस चरित्र को परिभाषित कर रहा है? 

इसे वंशवाद नहीं कहोगे क्या 
वंशवाद को लेकर जो भाजपा, कांग्रेस पार्टी को पानी पी-पीकर कोसती आ रही है, उसके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रीगण सर्वश्री गोविंद नारायणसिंह के पुत्र हर्षसिंह, सुंदरलाल पटवा के परिजन श्री सुरेन्द्र पटवा, कैलाश जोशी के पुत्र श्री दीपक जोशी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय ब्रजमोहन मिश्र की पुत्री अर्चना चिटनीस एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री कैलाश सारंग के पुत्र श्री विश्वास सारंग को मंत्रिमंडल विस्तार में उपकृत करना वंशवाद को लेकर क्या पांखडवाद नहीं है? यदि मुख्यमंत्री को ऐसा ही पाखंडवाद परोसना था तो पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरेन्द्र कुमार सखलेचा के पुत्र ओमप्रकाश सखलेचा को मंत्री पद से वंचित क्यों रखा गया? 
लेखक मध्य प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं। 
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