भोपाल। 'मैंने मप्र को अपने खून-पसीने से सींचा है, इसलिए इस्तीफा क्यों दूं?' गुरुवार को शिवराज मंत्रीमंडल का विस्तार होने से पहले 86 साल के गृहमंत्री बाबूलाल गौर अड़ गए। उधर, 76 साल के पीडब्ल्यूडी मंत्री सरताज सिंह भी बढ़ती उम्र के आधार पर इस्तीफा देने के तैयार नहीं हुए। दिनभर दिल्ली से लेकर भोपाल तक दोनों बुजुर्ग मंत्रियों को मनाने की कवायद चलती रही। आखिरकार दोपहर में सरताज सिंह और शाम को गौर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को अपना इस्तीफा भेज दिया।
सूत्रों के मुताबिक़, पहले बाबूलाल गौर ने इस्तीफा देने से इनकार करते हुए कह दिया था कि वे इस उम्र में भी दूसरे मंत्रियों के बराबर काम करते हैं। अगर उम्र पैमाना थी तो उन्हें टिकट ही क्यों दिया गया था? सूत्रों के मुताबिक, गौर ने यह भी कह दिया था कि वे पार्टी के बड़े नेताओं से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि वो इस तरह से बेइज्जत होकर नहीं जाएंगे, चाहे तो पार्टी उन्हें बर्खास्त कर दे। हालांकि शाम को उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
सरताज बोले- जलील होकर नहीं जाऊंगा
सरताज सिंह भी इस्तीफा मांगे जाने से बेहद नाराज़ हैं। उन्होंने कहा- "उम्र का हवाला देकर आराम करने की बात कही गई है। मेरे काम में कभी उम्र आड़े नहीं आई। जो संदेश लेकर आए थे, उन्होंने कहा कि ये निर्देश दिल्ली से आए हैं। मैंने भी कह दिया कि दिल्ली तक मेरा मैसेज पहुंचा दीजिए। मैं इस तरह ज़लील होकर नहीं जाऊंगा।" हालांकि बाद में सरताज ने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री के पास भेज दिया।